पुलिस द्वारा अवैध वाटर पैकेजिंग कंपनी के हित में किया जा रहा प्रचार

गाज़ियाबाद: उपभोक्ता जनघोष:- गाज़ियाबाद नगर निगम क्षेत्र में लग-भग 4 मीटर से ज्यादा प्रतिवर्ष ग्राउंड वाटर स्तर गिर रहा है जिससे नगर निगम द्वारा लगाए गए बड़े बोरवेल भी फेल हो रहे है जिसके कारण निगम का आर्थिक नुक्सान हो रहा है। हमारे यहाँ अवैध वाटर पैकेजिंग करने वाली कम्पनीयों की भरमार है जो ग्राउंड वाटर डिपार्टमेंट के लिए बहुत बड़ा चैलेंजे है। अनमोल वाटर कंपनी जो बहुत लम्बे समय से वाटर पैकेजिंग कर रही है जनपद गाज़ियाबाद में बिसलेरी के बाद यह दूसरे स्थान पर वाटर पैकेजिंग कर रही है जिसका पानी गाज़ियाबाद नॉएडा दिल्ली जैसे राज्य में भी बिक रहा है उक्त कंपनी का ग्राउंड वाटर रिचार्ज के लिए कोई योगदान नही है।

 अनमोल वाटर कम्पनी के मालिक ने लगभग 25 वर्ष पहले छोटे स्तर पर पानी बेचने का काम शुरू किया था जिसके बाद एरिया में ग्राउंड वाटर क्वालिटी/स्वाद ख़राब होने के कारण प्यासी जनता को पानी बेचने का धंदा उक्त व्यक्ति को फलफूल गया और इनकम लाखों से करोड़ों में पहुँच गई। जिसके बाद 2003 में अनमोल वाटर कंपनी की स्थापना की और अवैध बोरवेल से वाटर पैकेजिंग कर पानी बेचने का काम आसमान छूने लगा और देखते ही देखते बिसलेरी को टक्कर देने वाली यह कंपनी बन गई। लेकिन देखने वाली बात यह है कि अवैध वाटर पकेजिंग के इतने लम्बे कार्यकाल में अनमोल कंपनी के बोरवेल के विरुद्ध कोई कार्यवाही नही हुई, यदि ऐसी संचालित कंपनियों के पास अनुमति होती और अनुमति की शर्तों का पालन किया गया होता तो आज हमें ग्राउंड वाटर की यह गिरती स्तिथि नही देखनी पड़ती।

 डीएम साहब ने दिए कंपनी के अवैध बोरवेल को सील करने के आदेश, पुलिस बोर्ड लगाकर कंपनी के हित में कर रही प्रचार.....   

जनपद पुलिस उक्त अनमोल वाटर कंपनी के हित में बोर्ड लगाकर प्रचार करने पर तुली हुई है जिससे अवैध वाटर पैकेजिंग वाटर कंपनी की सेल में इजाफा हो जाये, बताया जा रहा है उक्त बोर्ड बनवाने का भुगतान अनमोल वाटर कंपनी द्वारा किया गया है सवाल ये है कि किस पुलिस अधिकारी द्वारा अनुमति दी गई है जिस कंपनी पर पांच लाख रुपये का जुर्माना करते हुए बोरवेल सील करने का आदेश डीएम साहब ने दिया है उसका प्रचार पुलिस कर रही है, गाज़ियाबाद लालकुआ एवं बज़रिय पुलिस चौकी के बोर्ड पर AQAFAST अनमोल वाटर कंपनी के बोर्ड लगे है जिले में और भी पुलिस थाने चौकी होंगे जिसपर यह बोर्ड लगे होंगें या लगें है।

जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह ने इतने लम्बे समय से संचालित अवैध वाटर पैकेजिंग के कारोबार का अंत करने की तेयारी कर दी है। जिला भूगर्भ जल प्रबंधन परिषद् के अध्यक्ष/जिलाधिकारी ने अनमोल वाटर कंपनी पर पांच लाख का जुर्माना और बोरवेल सील करने के आदेश दिए है। नोडल अधिकारी हरिओम ने बताया कि मजिस्ट्रेट नियुक्ति हो चुकी है समय मिलते ही डीएम साहब के आदेश का पालन किया जायेगा हमारे द्वरा पूर्व में अनमोल वाटर कंपनी को बोरवेल बंद/सील/ध्वस्तीकरण करके सूचना देने के लिए नोटिस जारी किया जा चुका था। 

ऐसे हुई कार्यवाही की शुरुआत.....

ग्राउंड वाटर के स्तर गिरने का जब नया सरकारी आंकड़ा सामने आया जिसमें चार मीटर से भी ज्यादा जनपद गाज़ियाबाद का भूजल स्तर प्रति वर्ष गिर रहा है चिंता का विषय है यही हाल रहा तो अगले 20 वर्षों में गाज़ियाबाद के हालात क्या होंगे। उपभोक्ता जनघोष के संपादक जानेआलम (Janu choudhary) को जब यह जानकारी हुई कि बिसलेरी के बाद AQAFAST अनमोल वाटर कंपनी का वाटर सबसे ज्यादा बिक रहा है और जानकारी के बाद पता चला अनुमति भी नही है जिससे अनुमति में दी गई शर्तों का पालन हो और ग्राउंड वाटर रिचार्ज हो सके। जानू चौधरी द्वारा शिकायत की गई जिसपर संज्ञान लेते हुए ग्राउंड वाटर पोर्टल के नोडल अधिकारी हरिओम द्वारा परिषद् की मीटिंग के बाद नोटिस जरी किया गया जिसमें अवैध बोरवेल सील करने को कहा गया था लेकिन कंपनी के मालिक ने नोटिस को नजरंदाज़ कर दिया। जिसके बाद ग्राउंड वाटर डिपार्टमेंट लखनऊ ने अग्रिम कार्यवाही करने को कहा जिसके बाद यह कार्यवाही की गई है। 

  1. अवैध बोरवेल से करोड़ों रुपये की वाटर पैकेजिंग। 
  2. लगभग बीस वर्षों से चल रहा अवैध कारोबार।  
  3. ग्राउंड वाटर डिपार्टमेंट से कोई अनुमति नही।  
  4. पुलिस कर रही अवैध बोरवेल कर वाटर पैकेजिंग करने वाली अनमोल वाटर कंपनी के हित में प्रचार। 
  5. शिकायत के बाद उत्तर प्रदेश ग्राउंड वाटर डिपार्टमेंट लखनऊ द्वारा संज्ञान के बाद जिलाधिकारी महोदय ने लगाया 5 लाख का जुर्माना एवं सील करने के आदेश दिए है। 
  6. जनपद गाज़ियाबाद व हापुड़ में जानेआलम (Janu choudhary) के सहयोग से अनुमति मिलने तक सभी संचालित कामर्शियल बोरवेल सील करने के सन 2018 में NGT ने आदेश दिए थे 
  7. भूजल स्तर गिरने के कारण केन्द्रीय भूजल प्राधिकरण (CGWA) ने 1998 में नगर निगम गाज़ियाबाद को अधिसूचित क्षेत्र घोषित किया था।