दिल्ली जल बोर्ड केस में राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई

जल बोर्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में आज यानी 25 अप्रैल को राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई होगी। ED ने अपनी चार्जशीट में जल बोर्ड के पूर्व इंजीनियर जगदीश कुमार अरोड़ा, कॉन्ट्रेक्टर अनिल कुमार अग्रवाल, NBCC इंडिया लिमिटेड कंपनी के पूर्व जनरल मैनेजर डीके मित्तल, NKG इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड और तेजिंदर सिंह को आरोपी बनाया है।

4 अप्रैल को हुई सुनवाई में जगदीश अरोड़ा, अनिल अग्रवाल और तेजिंदर सिंह को कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने ED को आदेश दिया कि वह सभी आरोपियों को चार्जशीट की कॉपी दे। स्पेशल जज भूपिंदर सिंह ने कहा चार्जशीट से लगता है कि सभी आरोपी व्यक्ति/कंपनी प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से जल बोर्ड टेंडर घोटाले में शामिल रहे हैं। जिसके आधार पर इन पर मुकदमा चलाया जा सकता है।

ये मामला जल बोर्ड के इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फ्लो मीटरों की खरीदी से जुड़ी टेंडर प्रक्रिया में अनियमितताओं से जुड़ा है। ED ने यह भी दावा किया है कि दिल्ली जल बोर्ड ने ठेका देने में भ्रष्टाचार किया और घूस की रकम आम आदमी पार्टी को इलेक्शन फंड के तौर पर दी गई।

चार्जशीट पर कोर्ट ने कहा था- आरोपियों के खिलाफ काफी सबूत

प्रवर्तन निदेशालय ने 30 मार्च को जल बोर्ड केस में पहली चार्जशीट दाखिल की थी। ED ने CBI के मामले के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है।कोर्ट ने 3 अप्रैल को ED की चार्जशीट पर एक्शन लेते हुए आरोपी देवेंदर मित्तल और तेजिंदर पाल सिंह को हाजिर होने का आदेश दिया था।

इनके अलावा आरोपी जगदीश अरोड़ा और अनिल अग्रवाल को भी कोर्ट में पेश करने का नोटिस जारी किया गया। कोर्ट ने कहा कि चार्जशीट में आरोपियों के खिलाफ केस चलाने काफी सबूत मौजूद हैं।

केजरीवाल को नोटिस भेजा था, PA के घर छापा मारा

एजेंसी ने इस मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी पूछताछ के लिए नोटिस भेजा था, पर वो नहीं पहुंचे। ED ने केजरीवाल को शराब घोटाला केस में 21 मार्च को गिरफ्तार किया था, वे फिलहाल इस मामले में तिहाड़ जेल में हैं।ED ने जल बोर्ड केस में केजरीवाल के पर्सनल असिस्टेंट बिभव कुमार, AAP के राज्यसभा सांसद एनडी गुप्ता, दिल्ली जल बोर्ड के पूर्व सदस्य शलभ कुमार, चार्टर्ड अकाउंटेंट पंकज मंडल और कुछ और लोगों के घर छापा मारा था।

क्या है दिल्ली जल बोर्ड टेंडर घोटाला

ED के मुताबिक 15 दिसंबर 2017 को दिल्ली जल बोर्ड में इलेक्ट्रोमैग्नेट फ्लो मीटर के लिए मेसर्स एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को 5 साल के ऑपरेशन के लिए ठेका दिया गया था। इसमें सप्लाई, इंस्टालेशन, टेस्टिंग और कमिशनिंग भी शामिल थी।

ठेके की कुल कीमत 24 करोड़ से ज्यादा थी। जिस कंपनी को ठेका दिया, वह मानदंडों को पूरा नहीं करती थी। इसके बदले आरोपियों ने एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड और मेसर्स इंटीग्रल स्क्रूज इंडस्टरीज से तीन करोड़ रुपए लिए थे।

एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने अपना ठेका अनिल अग्रवाल की फर्म मेसर्स इंटीग्रल स्क्रूज लिमिटेड को दे दिया था।