बिस्लैरी का नाम अवैध वाटर पैकेजिंग से जुड़ा

Aanchal Verma

उत्तर प्रदेश हापुड: उपभोक्ता जनघोष विशेष स्टोरी- जी.एस.आर बेवरेजस कंपनी जनपद हापुड़ के धौलाना ब्लॉक में स्तिथ है यह कंपनी बिस्लैरी कंपनी की 20 लीटर की बड़ी बोतल की पैकेजिंग करती है जिसकी सप्लाई NCR में बड़े पैमाने पर की जाती है। उपभोक्ता जनघोष टीम की नज़र उक्त मानले पर बनी हुई है जिसकी शिकायत उत्तर प्रदेश राज्य भूजल प्राधिकरण व जिलाधिकारी एवं मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश से की गई है पड़ताल में मौके पर कंपनी में जाकर हमने देखा जहाँ पर बिस्लैरी की बड़ी बोलों की पैकेजिंग की जा रही थी, तभी हमारी मुलाक़ात संचालक महोदय से हुई।

सवाल: क्या आपके पास बिस्लैरी के नाम से पैकेजिंग करने की अनुमति है।  

जवाब: जी नही हमारे पास 20 लीटर की बोतल वाटर पैकेजिंग की अनुमति है।

सवाल: मतलब आपके पास बिस्लैरी के नाम से पैकेजिंग की अनुमति नही है। 

जवाब: हम किसी भी नाम से वाटर पैकेजिंग कर सकते है, हम बहुत लम्बे समय से इस काम में है हमारे पास अनेकों प्रकार की अनुमति हैं। बिस्लैरी के उचाधिकारी भी हमारे काम से बहुत खुश है, खुश होकर हमरी कंपनी में भांगड़ा /डांस करते है। जिसके बाद हमने जिला भूगर्भ जल अधिकारी आशीष गुप्ता से हापुड़ से फोन पर संपर्क किया और UPSIDC के जूनियर इंजिनियर से भी बात की थी।  

सवाल: क्या जी.एस.आर बेवरेजस को बिस्लैरी वाटर पैकेजिंग की अनुमति दी गई है, यदि वाटर पैकेजिंग की अनुमति दी गई तो किस नाम के पैकेजिंग की अनुमति दी गई है। 

जवाब: पता नही देखकर बताता हूँ दोबारा फोन कर लेना, लेकिन कई बार फोन करने के बाद अधिकारी द्वारा फोन नही उठाया गया है, ऐसा लगता है भ्रष्टाचार के नशे में डूबा हुआ अधिकारी है।

सवाल: UPSIDC द्वारा उक्त भूखण्ड को क्या पदार्थ बनाने के लिए दिया गया है।

जवाब: जूनियर इंजीनियर ने पल्ला झाड़ते हुए क्षेत्रीय कार्यालय से जानकारी लेने की बात कही है।

प्रदूषण नियंतरण बोर्ड के अधिकारीयों से बात करनी अभी बाकी है पैनी खबर की पैनी नज़र उक्त प्रकरण पर बनी रहेगी। 

 उक्त मामले में शिकायतकर्ता एवं संपादक उपभोक्ता जनघोष जानेआलम (जानू चौधरी) से भी हमारी बातचीत हुई। 

सवाल: उक्त मामले की शिकायत आपके द्वारा की गई है आपको इसमें क्या अवैध लगता है और यदि इस एरिया में इसी तरह अवैध पैकेजिंग चलती रही तो भविष्य में क्या नुक्सान होंगें। 

जवाब: देखिये जनपद गाज़ियाबाद और हापुड़ सभी ब्लॉकों में मुरादनगर व धौलाना ब्लॉक सैफ जॉन में बचे है जिसमें से धौलाना ब्लॉक को भी केन्द्रीय भूमि जल प्राधिकरण (CGWA) ने पूर्व में सेमी क्रेटिकल घोषित किया था, यानि अधिसूचित क्षेत्र से कुछ ठीक माना था, उत्तर प्रदेश कानून 2019 के बाद स्टेट ने सैमी क्रेटिकल का कॉलम हटाकर केवल अधिसूचित और सैफ जॉन दो कॉलम की सूची बनाई थी, यानी इसी स्तर पर पैकेजिंग होती रही तो यह ब्लॉक भी अधिसूचित घोषित हो जायेगा यानि पानी भूमि से निकालना खतरा हो जायेगा। वाटर पैकेजिंग करने वाली कंपनियों से कारण और सभी औधोगों को नुक्सान और पलायन करना पड़ेगा। 

जवाब:2 देखिये हम डिटेल में जायेंगे तो बहुत लम्बा प्रकरण हो जायेगा, यह कंपनी जो धरती से पानी निकलकर मोटे पैसों का कारोबार कर रही है क्या आपने इस कंपनी वाले से पूछा कि कितने वर्षों से धरती से पानी निकलकर बेच रहे हो, और कितना पानी धरती में रिचार्ज किया है कानून के अनुसार जितना पानी निकालोगे उसका डबल धरती को देना होगा, क्या किसी आस/पास के गाँव में पानी की कोई व्यवस्था की गई है या यहाँ के लोगों के रोजगार की कोई व्यवस्था की है जीरो जवाब मिलेगा आपको। 

यह इस तरह की पैकेजिंग ग्राउंड वाटर एक्ट का उल्लंघन है यानि जिसने अनुमति ली है उसको यह कानून निकाले गए भूजल को, किसी भी नाम या रूप से व्यवसायिक उपयोग या लाभ के लिए बेचने से प्रतिबंधित करता है। इसी तरह इसी एरिया में ओसियन बेवरेज व सतगुरु इटरप्राइजेज द्वारा मशहूर जैन शिकंजी की बोतल की अवैध पैकेजिंग की जा रही थी किसका संज्ञान लेते हुए मामले को गंभीर मानते हुए राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) ने प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश को नोटिस जारी करते हुए जिलाधिकारी हापुड़ एवं प्रदूषण नियंतरण की कमैटी बनाकर जाँच करने के आदेश दिए है यह इतना गंभीर विषय है।

सवाल: उक्त मामले में आपका अगला कदम क्या होगा 

जवाब: यदि जिलाधिकारी/अध्यक्ष जिला भूगर्भ जल प्रबन्धन परिषद् ने उक्त मामले पर संज्ञान नही लिया तो मेरे द्वारा NGT के सामने मामला पहुंचेगा और जैन शिकंजी वाले मेरे केस में इस मामले को सुनने की प्रार्थना NGT से की जाएगी। पैनी खबर का यह स्टोरी करने के लिए धन्यवाद अन्यथा मुझे ऐसा लगता है कि मीडिया ने ऐसे जनहित के मुद्दों पर काम करना बंद ही कर दिया है।

स्टोरी पर हमारी टीम की नज़र बनी रहेगी और प्रदूषण नियंतरण बोर्ड के सम्बंधित अधिकारी से बात करने के बाद स्टोरी प्रकाशित की जाएगी।

Edit by Priya Singh