परिवार के साथ जयपुर पहुंचे जेडी वेंस, अंबर किले में हुआ भव्य स्वागत,कच्ची घोड़ी, घूमर और कालबेलिया डांस का लिया आनंद

अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस अपने पूरे परिवार के साथ भारत के चार दिवसीय दौरे पर आए हैं। आज उनके दौरे का दूसरा दिन है। जेडी वेंस आज अपनी पत्नी ऊषा वेंस और तीनों बच्चों के साथ जयपुर घूम रहे हैं। जेडी वेंस बीती रात रामबाग पैलेस में रुके थे। वहीं आज सुबह वो परिवार के साथ जयपुर के अंबर फोर्ट पहुंचे।

जयपुर के अंबर फोर्ट में जेडी वेंस के परिवार का भव्य स्वागत हुआ। राजस्थान के पारंपरिक डांस के साथ जेडी वेंस का वेलकम किया गया। जेडी वेंस के स्वागत में हाथियों को काफी खूबसूरती से सजाया गया था। अंबर किले में जेडी वेंस और उनके परिवार ने कच्ची घोड़ी, घूमर और कालबेलिया डांस का लुत्फ उठाया।

दिल्ली में की शॉपिंग

बीते दिन जेडी वेंस ने नई दिल्ली में स्थित सेंट्रल कॉटेज इंडस्ट्री इम्पोरियम का दौरा किया था। इस दौरान शोरूम की जनरल मैनेजर मीना सोमानी ने एएनआई से बातचीत में कहा कि वेंस परिवार को यह जगह काफी पसंद आई। उन्होंने पॉटरी समेत ढेर सारी चीजें खरीदीं।

अक्षरधाम मंदिर के दर्शन

अमेरिका के उपराष्ट्रपति ने परिवार के साथ दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर के भी दर्शन किए। इस दौरान उनके दोनों बेटों ने कुर्ता पजामा और बेटी ने अनारकली सूट पहना था। मंदिर की प्रवक्ता राधिका शुक्ला ने बताया कि वेंस परिवार 55 मिनट तक मंदिर में रुका था। उन्होंने मंदिर की सुंदरता और वास्तुकला की खूब सराहना की।

पीएम मोदी से मुलाकात

सोमवार को जेडी वेंस का विमान दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर लैंड हुआ था। इस दौरान केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने उनका स्वागत किया था। वेंस को गार्ड ऑफ ऑनर से भी नवाजा गया। दौरे के पहले दिन ही जेडी वेंस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की।

पीएम मोदी से मुलाकात के बाद जेडी वेंस ने एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए खुशी जाहिर की। उन्होंने पीएम मोदी की जमकर तारीफ की और कहा कि इस मुलाकात से भारत-अमेरिका की दोस्ती और भी ज्यादा मजबूत होगी।

ताज का करेंगे दीदार

बता दें कि बुधवार को जेडी वेंस अपने पूरे परिवार के साथ आगरा का दौरा करेंगे। इस दौरान वो दुनिया के सातवें अजूबे ताजमहल का भी दीदार करेंगे। इसी के साथ उनका भारत दौरा समाप्त हो जाएगा। गुरुवार यानी 24 अप्रैल की सुबह 6:40 बजे जेडी वेंस अमेरिका का रुख करेंगे।


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मैदानी राज्यों में गर्मी का 'प्रहार', ठंडक पाने के लिए पर्यटक चढ़ रहे पहाड़, पटरी पर लौटा पर्यटन कारोबार

इन दिनों मैदानी राज्यों में झुलसाने वाली गर्मी पड़ रही है. तपती गर्मी और उमस से लोगों का हाल बेहाल है. ऐसे में चिलचिलाती धूप और हीट वेव से राहत पाने के लिए मैदानी राज्यों से पर्यटक पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश का रुख कर रहे हैं. वहीं, सैलानियों के जमघट लगने से इन दिनों राजधानी शिमला सहित प्रदेश के अन्य हिल स्टेशन गुलजार होने लगे हैं, जिससे एक बार फिर से पर्यटन कारोबार में तेजी देखी जा रही है.

शिमला, कुल्लू, मनाली और डलहौजी गुलजार

हालांकि, समर सीजन 15 अप्रैल से शुरू होता है, लेकिन आगामी तीन दिन की छुट्टियों के चलते पर्यटक पहाड़ो पर घूमने पहुच रहे हैं. शिमला, कुल्लू, मनाली और डलहौजी सहित अन्य पर्यटन स्थानों पर पर्यटकों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है. शिमला के माल रोड और रिज मैदान पर सैलानियों को जमघट लगना शुरू हो चुका है.

होटल कारोबारियों को अच्छे कारोबार की उम्मीद

वहीं, इस बार सैलानियों के आने से समर सीजन में होटल कारोबारियों को अच्छे कारोबार की उम्मीद है. दरअसल बीते 2 पर्यटन सीजन में पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों ने मायूसी देखी जा रही थी, जिसके लिए यहां पर मौसम की मार बड़ा कारण माना जा रहा है. बीते विंटर सीजन में न के बराबर बर्फबारी हुई, यही नहीं इससे पहले भी भारी बरसात से पर्यटन कारोबार पर इसका असर देखा गया, लेकिन इस बार गर्मियों के सीजन में मैदानी इलाकों में अप्रैल के शुरुआत में ही चिलचिलाती गर्मी पड़ने लगी है, जिसके चलते अभी से ही बड़ी तादाद में सैलानी पहाड़ों का रुख करने लगे हैं.

शिमला के होटलों में एडवांस बुकिंग

इस हफ्ते लॉन्ग वीकेंड पर अभी से ही एडवांस बुकिंग होने से कई होटल पैक हो गए हैं. शिमला में 60 फीसदी होटल में एडवांस बुकिंग हो गई है. ऐसे में वीकेंड पर 80 फीसदी तक ऑक्यूपेंसी होने की उम्मीद है. समर सीजन को लेकर पर्यटन निगम के होटलों में पर्यटकों को लुभाने के लिए इंतजाम किए गए हैं. होटलों में खास कर पहाड़ी व्यजंक परोसे जाएंगे.

टूरिस्टों के लिए होटल मेन्यू में हिमाचली व्यंजन

पर्यटन निगम के प्रबंध निदेशक राजीव कुमार ने कहा, "पर्यटन निगम के होटलों में भी सैलानी अभी से ही एडवांस बुकिंग करवा रहे हैं, जिससे करीब 60 फीसदी तक होटलों में बुकिंग हो चुकी है. राज्य भर में सैलानियों को आकर्षित करने के लिए निगम के होटलों में विशेष रूप से कई आयोजन किए जा रहे हैं. इसके साथ ही हिमाचली व्यंजन का भी विशेष मेन्यू बनाया गया है. पर्यटन विभाग ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं. इस हफ्ते लॉन्ग वीकेंड से पहले ही बड़ी तादाद में पर्यटक आने लगे हैं. इस हफ्ते भी 80 से 90 फीसदी ऑक्यूपेंसी देखी जा रही है".

मैदानी क्षेत्रों में गर्मी पड़ने से शिमला गुलजार

वही होटल कारोबारी इंद्रजीत सिंह "इस बार समर सीजन में अच्छा कारोबार होने की उम्मीद है. अभी से ही पर्यटक शिमला पहुंच रहे हैं और एडवांस बुकिंग हो रही है. विंटर सीजन में काफी कम बर्फबारी देखने को मिली थी, जिससे पर्यटन कारोबार पूरी तरह से चौपट हो गया था, लेकिन जिस तरह से मैदान में गर्मी पड़ रही है. उसकी वजह से पर्यटक अभी से ही बड़ी संख्या में शिमला पहुंचने लगे हैं.


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गाजियाबाद डिपो से 52 रुपये तक बढ़ेगा हरिद्वार का किराया, बसों में भोले के भजनों पर झूमेंगे भक्त

 भोले के भक्त आज सोमवार से सावन शुरू होने के साथ ही कांवड़ यात्रा के लिए हरिद्वार जाना शुरू कर देंगे। इनके लिए बसे आरक्षित की गई हैं। 22 जुलाई से डायवर्जन के कारण हरिद्वार जाने वाली बसों के किराए में भी वृद्धि होगी।

करीब 250 बसें की गई आरक्षित

हरिद्वार जाने के लिए गाजियाबाद रीजन के आठ डिपो की करीब 250 बसें आरक्षित की गई हैं। ज्यादातर बसों का संचालन गाजियाबाद डिपो से किया जाएगा। कौशांबी डिपो से जरूरत पड़ने पर ही बसों का संचालन होगा।

रविवार तक गाजियाबाद डिपो से जो बसें मोहननगर, मुरादनगर, मेरठ होते हुए हरिद्वार जा रही हैं उनका किराया 336 रुपये लिया जा रहा है। डायवर्जन होने पर जो बसें मेरठ एक्सप्रेसवे, बिजनौर होते हुए हरिद्वार जाएंगी उनका किराया 371 रुपये निर्धारित किया गया है।

जो बसें गाजियाबाद से हापुड़, सोहराब गेट होते हुए हरिद्वार जाएंगी उनका किराया 369 रुपये निर्धारित किया गया है। वहीं डायवर्जन के कारण कौशांबी से गढ़मुक्तेश्वर, बरेली, कालागढ़ समेत विभिन्न मार्ग बदलने से भी बसों की दूरी बढ़ेगी। इससे किराया भी बढ़ जाएगा।27 से लालकुआं व हापुड़ चुंगी से होगा बसों का संचालन

27 जुलाई को शहर के अंदर से भी डायवर्जन होने के कारण हरिद्वार की बसें भी हापुड़ चुंगी व लालकुआं से संचालित की जाएंगी। यहीं से कांवड़ यात्रियों को बसें मिलेंगी। ये सभी बसे साधारण होंगी।

बस अड्डे पर साफ-सफाई व पानी की रहेगी व्यवस्था

कांवड़ यात्रा को देखते हुए क्षेत्रीय प्रबंधक ने कौशांबी व गाजियाबाद डिपो से साफ-सफाई के साथ ही पानी की व्यवस्था करने के कड़े आदेश दिए हैं। यहां पर तीन शिफ्टों पर कर्मियों की ड्यूटी भी लगाई जाएगी। पूछताछ केंद्र पर 24 घंटे कर्मी तैनात रहेंगे। कांवड़ियों को समस्या होने तक समाधान किया जाएगा।

गाजियाबाद डिपो से हरिद्वार की बसों का किराया

गाजियाबाद डिपो से मोदीनगर-बिजनौर-हरिद्वार 336 रुपये -235 किमी

गाजियाबाद डिपो से मेरठ एक्सप्रेसवे-बिजनौर-हरिद्वार 371 रुपये -247 किमी

गाजियाबाद डिपो से हापुड़-हरिद्वार 369 रुपये -245 किमी

गाजियाबाद डिपो से सीधे हरिद्वारा 319 रुपये -201 किमी

कौशांबी डिपो से हरिद्वार की बसों का किराया

वर्तमान में : कौशांबी से मोहननगर-मुरादनगर-मोदीनगर-मेरठ-हरिद्वार 345 रुपये

डायवर्जन : कौशांबी से मेरठ एक्सप्रेसवे-मुजफ्फरनगर-हरिद्वार 377 रुपये

डायवर्जन : कौशांबी से किठौर-बिजनौर-लजीबाबाद-हरिद्वार 402 रुपये

डिपो का उत्तराखंड परिवहन से अनुबंध नहीं

कासना स्थित ग्रेटर नोएडा डिपो का उत्तराखंड परिवहन विभाग से अनुबंध नहीं होने के कारण हरिद्वार के लिए बसों का संचालन नहीं हो पा रहा है। शहर के सेक्टर,सोसायटी और गांव में रहने वालों को गंगाजल लाने के लिए सिटी सेंटर नोएडा जाना पड़ रहा है,जिसके कारण भोले के भक्तों को काफी परेशानी हो रही हैं। उन्हें करीब 25 से 30 किलोमीटर का लंबा सफर तय करना पड़ रहा है,जिससे उनका समय और पैसे भी अधिक खर्च हो रहे हैं।

बता दें हरिद्वार से कांवड़ लाने के लिए ग्रेटर नोएडा, दादरी और आसपास के गांवों से हजारों संख्या में लोग जाते है। इनके जाने के लिए ग्रेटर नोएडा डिपो ने कोई व्यवस्था नहीं की है। डिपो से से भले ही आगरा,इटावा,हाथरस, अलीगढ़ समेत कई रूट पर बसों का संचालन होता है,लेकिन हरिद्वार जाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। हजारों यात्रियों को बस से जाने के लिए नोएडा जाना पड़ रहा है।

आर्य प्रतिनिधि सभा के जिला उपाध्यक्ष डॉ. आनंद आर्य ने बताया कि कई बार रोडवेज के अधिकारियों से ग्रेटर नोएडा से दादरी होते हुए हरिद्वार के लिए बस चलाने की मांग की थी,लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। एआरएम ग्रेटर नोएडा डिपो अनिल कुमार शर्मा ने बताया कि ग्रेटर नोएडा से किसी भी बस के पास हरिद्वार के लिए परमिट नहीं है। यात्रियों को ग्रेटर नोएडा से सिटी सेंटर भेजा जा रहा है।



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एनसीआर की 86 स्पेशल ट्रेन फिर बनी पैसेंजर, अब कम किराये में यात्री करेंगे यात्रा

उत्तर मध्य रेलवे की 86 स्पेशल ट्रेन फिर पैसेंजर के रूप में चलेंगी। इनका किराया भी पूर्व की भांति होगा। यानी इनमें अब बढ़ा हुआ किराया नहीं लगा। इनका किराया स्पेशल टैग हटने के साथ ही न्यूनतम हो जाएगा।.

इन्हें कोरोना काल में स्पेशल ट्रेन का तमगा दे दिया गया था। इन ट्रेनों के नंबर के आगे जीरो जोड़ दिया गया था। जिससे यह ट्रेनें पैसेंजर की जगह स्पेशल के रूप में चल रही थी और इनका न्यनूतम किराया भी 10 रुपये से बढ़ाकर 30 रुपये कर दिया गया था।

रेलवे ने इनका किराया तो फरवरी माह में ही घटा दिया था लेकिन अब गाड़ी के आगे से लगा जीरो नंबर हटाया जा रहा है। यानी उन्हें स्पेशल ट्रेन की श्रेणी से हटाकर पूर्व की स्थिति ( पैसेंजर ट्रेन) में लाया जा रहा है। एक जुलाई से लागू हो रही रेलवे की नई समय सारिणी में यह बदलाव देखने को मिलेगा। इसमें प्रयागराज संगम-कानपुर अनवरगंज स्पेशल समेत 86 ट्रेनों की सूची उत्तर मध्य रेलवे ने जारी कर दी है।

उत्तर मध्य रेलवे की जनसंपर्क अधिकारी रागिनी सिंह ने कहा कि एनसीआर जोन में चल रही 86 ट्रेनों के नंबर के आगे से जीरो हटाया जा रहा है। एक जुलाई से यह सभी ट्रेनें नए नंबर से संचालित होंगी।

इन प्रमुख ट्रेनों के आगे से हटाया गया जीरो

मौजूदा नंबर - नया नंबर - कहां से कहां तक

04101 -54101 - प्रयागराज संगम- कानपुर अनवरगंज

04102 -54102- कानपुर अनवरगंज- प्रयागराज संगम

01823 - 51813 - वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी- लखनऊ

01824 - 51814 - लखनऊ- वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी

04117 - 51817 - खजुराहो-ललितपुर

04118 - 51818 - ललितपुर-खजुराहो

01821 - 51821 -महोबा - खजुराहो

01822 - 51822 - खजुराहो - महोबा

01861 - 51861- ऐट- कोंच

01862 - 51862 - कोंच -ऐट

01883 - 51883 - बीना-ग्वालियर

01884 - 51884 - ग्वालियर-बीना

01887 - 51887 -ग्वालियर-इटावा

01888 - 51888 - इटावा -ग्वालियर

01913 - 51901 -आगरा फोर्ट- एटा

01914 - 51902 - एटा-आगरा फोर्ट

01917 - 51905 - फ़र्रुखाबाद- टूंडला

01918 - 51906 - टूंडला- फ़र्रुखाबाद

04171 - 51971 - मथुरा- अलवर

04172 - 51972 - अलवर-मथुरा

04153 - 54153 -रायबरेली-कानपुर

04154 - 54154 -कानपुर-रायबरेली

04159 - 64603 -कानपुर-इटावा

04160 - 64604 -इटावा -कानपुर

01809 - 64613 -वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी- बांदा

01810 - 64614 - बांदा-वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी

01911 - 64619 - ईदगाह आगरा जं.- बांदीकुई जं.

01912 - 64620 - बांदीकुई जं. -ईदगाह आगरा जं.


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ट्रैक पर दौड़ेगी देश की पहली 320kmph स्पीड वाली बुलेट ट्रेन

देशवासियों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। भारतीय रेल मंत्री ने एक वीडियो के जरिए बताया कि देश की पहली 320kmph स्पीड वाली बुलेट ट्रेन के लिए ट्रैक तैयार हो रहा है। हाल ही में वैष्णव ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो शेयर किया है।

इस वीडियो में वैष्णव में बुलेट ट्रेन के ट्रैक को दिखाया है। आपको बता दें कि लगभग एक महीने पहले ही वैष्णव ने बुलेट ट्रेन की भी वीडियों शेयर किया था। अपने पोस्ट में उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मोदी 3.0 में ऐसे कई बड़े बदलाव और विकास देखने को मिलेंगे।

एक्स पर शेयर किया वीडियो

रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव X पर पोस्ट करते हुए लिखा कि बुलेट ट्रेन के लिए भारत का पहला बैलास्टलेस ट्रैक। 320 किमी प्रति घंटे की गति सीमा, 153 किमी का वायाडक्ट( पुल) पूरा, 295.5 किमी के पियर वर्क( खंभे) का काम पूरा। मोदी 3.0 में और भी बहुत कुछ आने वाला है।

ट्रेन की वीडियो भी की गई थी शेयर

लगभग एक महीने पहले रेल मंत्री ने बुलेट ट्रेन की भी एक वीडियो शेयर करते हुए एक्स पर पोस्ट किया था। इस पोस्ट में उन्होंने लिखा था कि सपने नहीं हकीकत बुनते हैं! Stay tuned for #BulletTrain in Modi 3.0!

इस पोस्ट में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को मुंबई-अहमदाबाद 'बुलेट ट्रेन' कॉरिडोर की एक क्लिप साझा की, जिससे दोनों शहरों के बीच 508 किलोमीटर के मार्ग पर यात्रा का समय घटकर मात्र 2 घंटे रह जाएगा।

यह क्लिप अत्याधुनिक ट्रेन परियोजना की कुछ विशेषताओं को दिखाती है, जिसको 1.08 लाख करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया जा रहा है।


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" जिंदगी का सफर "

मुंबई उपभोक्ता जनघोष: सुना हैं की मूवीज ( movies ) एजूकेट ( Educate ) यानि शिक्षित करती हैं और इसका सही मायने में एक उधारण हैं " आनंद " मूवी जो कि १९७१ में रिलीज हुई थी, जिसका लोकप्रिय गीत हैं "जिंदगी का सफर, हैं यह कैसा सफर ; कोई समझा नहीं, कोई जाना नहीं !! । इस मूवी ने बहुत कुछ सिखाया हैं, जिंदगी को हस्ते हुए जीने का तरीका बताया हैं । मूवी में "राजेश खन्ना" साहब हमारे "आनंद बाबू" कहते हैं जिंदगी बड़ी होनी चाहिए, लंबी नहीं..., तो आओ उपभोक्त जनघोश के संग इस बड़ी सी जिंदगी पर एक नजर डालते हैं।

इस ज़िंदगी के सफर में , हर व्यक्ति के अंदर एक आनंद बाबू बसा हैं जो अपनी तकलीफ को छिपाकर रखना बाखूबी जानता हैं। हम अपनी तकलीफ क्यों छिपाते हैं ? क्योंकि हमें डर होता हैं की कही लोग मजाक न उड़ाए या कोई ये ना पूछ ले की गलती आपकी कितनी थी ? बड़े बच्चो को तो समझा देते हैं की गलती करने पर बढ़ो से आकर वार्तालाप किया करो, पर खुद अपनी गलतियों पर पर्दा डालते हैं कभी झूठ बोलकर तो कभी बात टाल कर और इसी कारणवश हम ज़िंदगी का आनंद लेना भूल जाते हैं।

बड़े बुजुर्ग कहते हैं की जिंदगी का आनंद लेना हैं तो शारीर को तंदुरुस्त रखो और तंदुरुस्त रहने का सही उपाय हैं "सफर" , "यात्रा" ( Traveling ) । हम जैसे हर दिन एक ही पदार्थ का सेवन नहीं कर सकते हैं वैसे ही एक ही जगह रह कर इंसान का मन ऊब जाता हैं। स्वास्थ के लिए जितना खाना जरूरी है उतना ही नए और ताज़ी हवा का शरीर में लगना भी जरूरी हैं। 

बच्चो को गर्मी में छुट्टी मिलती हैं ताकि नए वर्ग या कक्षा में जानें से पहले उनका शरीर और बुद्धि अच्छे से काम कर सके। वैसे ही ऑफिस से छुट्टी निकाल कर बढ़ो को भी शहर से बाहर जाना चाहिए। इससे केवल आपके शरीर को आराम ही नहीं बल्कि सोचने की क्षमता भी बढ़ती हैं। हमारे शरीर में २०८ हड्डी हैं, जैसे वाहन को चलाने के लिए ऑयल की आवश्कता हैं वैसे ही शरीर को चलाने के लिए ताज़ी हवा की जरूरत हैं।

अब अंग्रेजी "Suffer" और असली सफर में बहुत अंतर हैं परंतु फिर भी दोनो एक दूसरे के साथी हैं। दोनो ही एक दूसरे के बिना अधूरे हैं पर दोनो का अंत सफलता की ऊंचाई को छू लेता हैं। वैसे ही ज़िंदगी में बेहद कठिनाई आएंगी पर यदि हम सफर में मुसाफिर बने रहेंगे तो हर मुशीकिले हस्ते हस्ते पार कर सकते हैं। इस जीवन मैं खुश वही है जो suffer के साथ सफर करना जानता हैं।

उपभोक्ता जनघोष के साथ मुसाफिर बनते हैं हम और अपनी अपनी मंजिलें पार करते हैं।

 #UJnews को tag करके जरूर अपनी सफर की दास्तां सुनाइएं और अपने भीतर "आनंद बाबू" के साथ खुश रहिए। 

Edit By Priya Singh


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इस एक स्थान पर होती है तीन धर्मों की यात्रा

संसार भर में भारत ही ऐसा देश है जहां विभिन्न धर्मों से जुड़े लोग एकजुट होकर रहते हैं। बहुत से ऐसे स्थान हैं जहां विभिन्न धर्मों के पवित्र स्थल एक ही स्थान पर स्थापित हैं। उन्हीं में से एक तीर्थ है राजगृह। राजगृह हिन्दू, बौद्ध और जैन तीनों धर्मों के अनुयायीयों का तीर्थ है। पुरातन काल में राजगृह मगध की राजधानी हुआ करती थी तत्पश्चात मौर्य साम्राज्य आया। महाभारत में राजगृह को तीर्थ माना गया है। राजगृह के समीप अरण्य में जरासंध की बैठक नाम की एक बारादरी अवस्थित है।


हिन्दू तीर्थ:- यहां प्रवाहित होने वाली सरस्वती नदी को स्थानीय लोग प्राची सरस्वती कहते हैं। सरस्वतीकुण्ड से आधा मील की दूरी पर सरस्वती को वैतरणी कहा जाता है। इस नदी के तट पर पिण्डदान और गोदान का बहुत महत्व है इसलिए यहां प्रत्येक धर्म-समुदाय के लोग पिण्डदान करते हैं। यहां मार्कण्डेयकुण्ड, व्यासकुण्ड, गंगा-यमुनाकुण्ड, अनन्तकुण्ड, सप्तर्षिधारा और काशीधारा हैं। जिनके समीप बहुत से देवी-देवताओं के मंदिर अवस्थित हैं।


बौद्ध तीर्थ:- पुरातन काल में इस स्थान पर बौद्धों के 18 विहार हुआ करते थे। राजगृह मुख्य बौद्ध तीर्थ है क्योंकि महात्मा बुद्ध ने अपने जीवन काल का बहुत बड़ा हिस्सा यहां व्यतित किया था। वर्षा के चार महीने यहीं व्यतीत किया करते थे।


जैन तीर्थ:- जैन तीर्थ पंच पहाड़ों पर स्थित है। इक्कीसवें तीर्थंकर मुनि सुव्रतनाथ का जन्म इसी पहाड़ी पर हुआ था। यही उनकी तपो भूमी थी। मुनिराज धनदत्त और महावीर के बहुत सारे गणधर इसी स्थान से मोक्ष को प्राप्त हुए थे। जैनयात्री यहां विशेष रूप से दर्शनों के लिए आते हैं।





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दिल्ली घूम ली और ये पांच जगह नहीं गए तो फिर क्या ही घूमा

लाल किला, कुतुबमीनार और चांदनी चैक घूम आए। अक्षरधाम, लोटस टेंपल और कालकाजी के दर्शन भी कर आए। इंडिया गेट, कनॉट प्लेस वगैरह भी घूम आए तो क्या लगता है आपको, पूरी दिल्ली घूम ली। गलत सोच रहे हैं। हम आपको बता रहे हैं, दिल्ली की कुछ ऐसी जगहों के बारे में, जहां आप अबतक नहीं घूमे होंगे। 


मिर्जा गालिब की हवेली

मिर्जा गालिब का नाम भला किसने नहीं सुना होगा। दिल्ली में उनके नाम से एक हवेली भी है, लेकिन अभी भी ज्यादातर लोग इसके बारे में नहीं जानते हैं। उर्दू के मशहूर शायर मिर्जा गालिब की याद में बनवाई गयी इस हवेली में गालिब ने अपने मुश्किल के दिन बिताए थे। इस हवेली में म्यूजियम बना हुआ है, जिसमें गालिब के कुछ नायाब काम सजाए गए हैं। 


ऐसे पहुंचें मिर्जा गालिब की हवेली

मिर्जा गालिब की हवेली चांदनी चैक के पास कासिम जान गली, बारादरी में है। यहां जाने के लिए आपको चावड़ी बाजार मेट्रो स्टेशन से शाहजहानबाद तक के लिए ऑटो लेना होगा और वहां से हवेली आप पैदल जा सकते हैं।


हिजड़ों का खानकाह

इस जगह के नाम से ही मालूम होता है कि ये जगह हिजड़ों को समर्पित है। इस जगह पर चारों तरफ शांति का माहौल रहता है, लेकिन बहुत कम लोग ही यहां जाते हैं। इस परिसर के बाहर लोहे का दरवाजा है, जिस पर कभी ताला नहीं लगाया जाता। इसके अंदर एक बहुत पुरानी छोटी सी मस्जिद है, जिसे आज भी अच्छे से रखा जाता है। 


कुतुब मीनार के पास है

ये जगह कुतुब मीनार से कुछ ही दूरी पर है। बताया जाता है कि इस जगह को लोदी वंश के शासनकाल के दौरान बनवाया गया था। इस जगह की देखभाल किन्नर करते हैं। अगर आप अगली बार कुतुब मीनार जाएं तो एक बार यहां जरुर जाएं। यहां जाने का अनुभव अलग ही होगा। 


भूली भटियारी का महल

अगर आप ‘हॉन्टेड प्लेस’ पर जाने की दिलचस्पी रखते हैं तो ये जगह खास आपके लिए है। करीब 700 साल पुराना ये महल इस्लामिक विरासत का नमूना है। इस महल को 14 वीं सदी में सुल्तान फिरोज शाह तुगलक ने बनवाया था। इस जगह का नक्शा आपको बेहद पसंद आएगा। किले के दो प्रवेश द्वार हैं। दूसरे प्रवेश द्वार से आप सीधा आंगन पहुंचेंगे। आंगन के किनारों में कमरे बने हैं और उत्तर की तरफ सीढ़ियां जो चबूतरे की तरफ जाती हैं। 


दिन में जाएं, रात में है मनाही

यह जगह करोल बाग में है। करोल बाग के बग्गा लिंक से यहां तक जाने के लिए एक रोड दी गई है। ये आपको वीरान जंगल की ओर ले जाती है। इस रास्ते यहां से आप ऐसी जगह पहुंचेगे, जहां रात के वक्त किसी के जाने की हिम्मत नहीं होती। यहां समय बिताकर आपको अच्छा लगेगा, लेकिन किले की भूतहा घटनाओं को सुनने के बाद मन में एक डर भी रहेगा।


जहाज महल

आप सोच रहे होंगे इस महल का नाम जहाज महल क्यों है। दरअसल, इस महल के पास में झील है, जिसकी परछाई इस पर पड़ती है। इसलिए इस महल का नाम जहाज महल रखा गया। इस महल को लोदी साम्राज्य के समय बनाया गया था। ये महल महरौली में स्थित है। अगर आप शांति के कुछ पल बिताना चाहते हैं तो ये जगह परफेक्ट है।



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रेगिस्तान से लेकर खूबसूरत बीच तक, ये हैं बेस्ट हनीमून डेस्टिनेशन्स

शादी के बाद हनीमून डेस्टिनेशन चुनना काफी कठिन होता है। अगर आप फरवरी में अपना हनीमून मनाना चाह रहे हैं और किसी बेहतरीन डेस्टिनेशन की खोज कर रहे हैं तो हम आपकी मदद कर रहे हैं। रेगिस्तान से लेकर खूबसूरत बीच तक, यहां हम कुछ बेहतरीन हनीमून डेस्टिनेशन्स के बारे में बता रहे हैं, जहां आप फरवरी में अपना हनीमून प्लान कर सकते हैं।


गोवा है बेस्ट

भारत के हनीमून डेस्टिनेशन सूची में गोवा हमेशा टॉप पर रहता है। यह वाकई में इंडिया में कपल्स के लिए स्वर्ग है। यहां आप अपने पार्टनर के साथ पार्टी कर सकते हैं, वॉटर ऐक्टिविटी में हिस्सा ले सकते हैं या किसी शांत बीच पर कुछ अच्छा समय बिता सकते हैं। गोवा में भारत के कुछ सबसे अच्छे बीच भी हैं।


रोमांटिक गंगटोक

गंगटोक उत्तर पूर्व में भारत के सबसे रोमांटिक स्थानों में से एक है। यहां रोमांटिक पल बिताने के लिए कई स्थान हैं। हनीमून कपल्स यहां हिमालय पर्वत शृंखला के शानदार नजारों के साथ झील में बोटिंग या किनारे बैठकर समय बिता सकते हैं। इसके अलावा ट्रेकिंग और माउंटेनिंग कर सकते हैं।


गुलमर्ग

कश्मीर भी हनीमून मनाने के लिए चुनी जाने वाली जगहों में शामिल रहता है। कश्मीर के बारामूला जिले में स्थित गुलमर्ग की खूबसूरती सर्दी के मौसम में बर्फबारी के साथ ही काफी बढ़ जाती है। यहां के नजारे वाकई बेहद रोमांच पैदा करते हैं।


हैवलॉक आइलैंड, अंडमान

अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह को भारत में हनीमून कपल्स का स्वर्ग कहा जाता है। लेकिन इस द्वीपसमूह के हैवलॉक आइलैंड का राधानगर बीच सबसे बेस्ट है। रोमांटिक गेटअवे के लिए यह जगह सबसे बेस्ट है। यहां परफेक्ट मौसम के साथ भीड़भाड़ से दूर समुद्र का शांत किनारा, खूबसूरत बीच और रिजॉर्ट, बढ़िया खाना, वॉटर स्पोर्ट्स के ढेरों ऑप्शन्स उपलब्ध हैं।


जैसलमेर

रेगिस्तान के बीच में तारों की छत के नीचे हनीमून मनाना कैसा लगता है, यह आपको जैसलमेर जाने के बाद ही पता चलेगा। थार रेगिस्तान के बीच में हनीमून मनाने के लिए आप किसी ट्रैवल एजेंसी का सहारा ले सकते हैं जो रेगिस्तान के बीच में कैंपिंग करते हैं।


कोवलम, एक शांत तटीय इलाका

कोवलम एक खूबसूरत और शांत तटीय इलाका है जो केरल में स्थित है। फरवरी महीने में यहां का मौसम काफी सुहावना होता है जो हनीमून मनाने के लिए आदर्श होता है। यहां के रेतीले समुद्र तट, वाटर स्पोर्ट्स और केरल का स्थानीय भोजन हनीमून को और बेहतरीन बना देगा।


लक्षद्वीप, एकांत में बसा स्वर्ग

फरवरी में लक्षद्वीप हनीमून मनाने के लिए सबसे अच्छे स्थानों में से एक है। यह एक ऐसा स्थान है जहां अब भी ज्यादा पर्यटक नहीं आते हैं। अरब सागर में स्थित यह द्वीपसमूह अपने शांत और खूबसूरत समुद्र तटों के लिए जाना जाता है। यहां किसी समुद्र फेसिंग लग्जरी रिजॉर्ट में ठहरें और रेतीले समुद्र तट पर खाली समय बिताएं।


मुन्नार, दक्षिण का स्वर्ग

झीलें और पहाड़ के साथ हरियाली इस स्थान को खास बनाती हैं। फरवरी महीने में हनीमून के लिए अगर आप मुन्नार को चुनेंगे तो आपको निराशा नहीं होगी। चाय और कॉफी के बागानों के बीच बिताया जाने वाला समय आपको हमेशा याद रहेगा। बैकवॉटर में चलने वाली हाउसबोट में रात का डिनर आपके हनीमून को और खास बना देगा।


रोमांटिक पैराडाइज नैनीताल

उत्तराखंड में स्थित नैनीताल एक ठंडा लेकिन खूबसूरत इलाका है। फरवरी में यहां का मौसम अच्छा होता है। नैनीताल शहर का नाम यहां स्थित नैनी झील के कारण पड़ा है। कई बार यहां स्नोफॉल भी होता है जो हनीमून के दौरान किसी रोमांटिक कहानी से कम नहीं लगेगा। फरवरी महीना नैनीताल जाने के सबसे अच्छे समय में से भी एक है।


पूवर आइलैंड, केरल

घूमने-फिरने के शौकीन लोगों के साथ ही हनीमून कपल्स के लिए भी केरल एक बेहतरीन डेस्टिनेशन है। शांत समुद्र तट, सुहावना मौसम, हरे-भरे पहाड़ और दूर तक फैली हरियाली के साथ यहां के बैकवॉटर्स डेस्टिनेशन्स कमाल का फील देते हैं। पूवर आइलैंड केरल के बैकवॉटर्स में हनीमून कपल्स के लिए एक बेहतरीन टूरिस्ट पॉइन्‍ट है।

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आप भी हैँ कैंपिंग के शौकीन तो जरूर जाएं इन बेहतरीन जगहों पर

क्या आपको हैं कैंपिंग करने का शौक और आप खोज रहे हैं कोई ऐसी जगह जगहां पर आप आराम से और शांत वातावरण में कैंपिंग कर पाएं तो आज हम आपके लिए लाएं है कुछ ऐसी जगहों के बारे में जहां पर आप आराम से और शांत वातावरण में कैंपिंग कर सकते हैं। नेश्नल पार्क से प्राइवेट ग्राउंड तक यह हैं कुछ बहुत ही बेहतर जगह कैंपिंग करने के लिए। तो आईए जानते हैं इन जगहों के बारे में -


अलास्का-यह सबसे मशहूर और सबसे बेहतरीन कैंपिंग ग्राउंड्स में से एक हैं। यह जगह अलास्का के कूपर लैंडिंग में स्थित हैं। यह तीन कैंपसाइट लूप प्रदान करता है, जिनमें से एक झील पर है। यह वन्यजीवों के अवलोकन के लिए एक आदर्श स्थल है, जिसमें लायनक्स, भालू, गिलहरी और लॉन शामिल हैं। यहां पर जाने का सही समय मई से सितंबर का हैं।


अरिज़ोना-ग्रैंड कैन्यन-यह एक ऐसी कैंपिंग साइट हैं जो कि यहां के पर्यटकों के बीच काफी मशहूर हैं। यहां पर हर साल कई पर्यटक कैंपिंग करने आते हैं। रात के समय यहां का नज़ारा देखने लायक होता हैं। अगर आप यहां पर कैंपिंग का लुत्फ उठाना चाहते हैं तो मार्च से मई और सितंबर से नवंबर आपके लिए एकदम सही समय हैं।


अर्कांसस-पेटिट जीन स्टेट पार्क-यह पार्क अर्कांसस का पहला स्टेट पार्क हैं। यह जगह अपने पर्यटकों के 125 कैंपिंग साइट्स प्रदान करती हैं। यह जगह परिवार के साथ जाने के लिए काफी अच्छी हैं। यहां पर आपको मछली पकड़ना, स्विमिंग पूल, प्लेगाउंड, टेनिस और बास्केटबॉल कोर्ट और वॉटर स्पोर्ट्स जैसी गतिविधियां उपलब्ध कराई जाती हैं। यहां पर और भी कई खूबसूरत जगह भी हैं। यहां पर जाने का सही समय अक्टूबर से नवंबर क बीच का हैं।


कैलिफोर्निया-योसेमाइट नेशनल पार्क-वैसे तो कैलिफोर्निया में घूमने के लिए कई सारे नेश्नल पार्क्सहैं लेकिन यह पार्क कैलिफोर्निया का सबसे मशहूर पीर्क हैं। बता दें कि इस पार्क को यूनेस्कों की सूची में भी शामिल किया गया हैं। यहां पर आपकोसिकोइया के पेड़ और झरनों क बीच अपना समय बीताने का मौका मिलेगा। आपको यहां पर कैंपिंग करने के लिए पहले से ही रिसर्वेशन करना हेगा। अगर आप यहां पर कैंपिंग करने जाना चाहते हैं तो आपको मई से अक्टूबर और नवंबर से दिसंबर क बीच जाना चाहिए।


मिनेसोटा-स्प्लिट रॉक लाइटहाउस स्टेट पार्क-यहां पर आपको काफी सारे पर्यटक मिल जाएंगे यह कैंपिंग करने वाले पर्यटकों के लिए एक बहुत ही पसंदीदा स्थल हैं। इसलिए अगर आप यहां पर कैंपिंग के लिए जाना चाहते हैं तो आप अपने लिए पहले से ही रिसर्वेशन कर लें। यहां कई पर्यटक कैंपिंग के साथ साथ हाइकिंग और फिशिंग भी करने आते हैं। यहां पर जाने का सही समय जून से अगस्त के बीच का हैं।





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