यूपी में 69000 शिक्षक भर्ती केस में 'सुप्रीम' आदेश, मेरिट लिस्ट रद्द करने के हाई कोर्ट के फैसले पर रोक

उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती मामले पर बड़ी खबर सामने आई है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इस मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट की तरफ से दिए गए आदेश पर रोक लगा दी है। चीफ जस्टिस ने पिछले महीने हाई कोर्ट की तरफ से जारी आदेश को निलंबित करते हुए 23 सितंबर को अगली सुनवाई की तारीख तय की है। गौरतलब है कि सहायक शिक्षक भर्ती की मेरिट लिस्ट रद्द किए जाने से हजारों टीचर्स की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा था।

दरअसल, उत्तर प्रदेश में 69 हजार टीचर भर्ती मामले में दायर याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की गई। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा है कि हाई कोर्ट का आदेश फिलहाल निलंबित रहेगा। अब मामले में अगली सुनवाई 23 सितंबर को होगी। सीजेआई ने सभी पक्षकारों से कहा लिखित नोट दाखिल करने की बात कही है। उसके बाद इस पर फाइनल सुनवाई की जाएगी।

मैं तो अभी तुरंत ही... 69000 शिक्षक अभ्यर्थियों ने राजभर का आवास घेरा तो योगी के मंत्री ने कह दी बड़ी बात

इससे पहले पिछले ही महीने यूपी में 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए सहायक शिक्षक भर्ती की मेरिट लिस्ट रद्द कर दिया था। इसके साथ ही सरकार को आरक्षण नियमावली 1994 की धारा 3(6) और बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 का पालन करने का आदेश भी दिया था। सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा का परिणाम नए सिरे से जारी करने का आदेश दिया गया था।

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अगस्त के अपने फैसले में जून 2020 और जनवरी 2022 की सिलेक्शन लिस्ट को रद्द करते हुए यूपी सरकार को आदेश दिया था कि वो 2019 में हुई सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा के आधार पर 69 हजार शिक्षकों के लिए नई सिलेक्शन लिस्ट तीन महीने में जारी करे। हाई कोर्ट ने ये भी कहा था कि अगर कोई आरक्षित वर्ग का कैंडिडेट जनरल कैटेगरी के बराबर मेरिट हासिल कर लेता है तो उसका सिलेक्शन जनरल कैटगरी में ही माना चाहिए। इस आदेश के चलते यूपी में बड़ी संख्या में नौकरी कर रहे शिक्षकों पर नौकरी खोने का खतरा मंडराने लगा।



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UPSC में नहीं होगी सीधी भर्ती! लेटरल एंट्री विज्ञापन पर मोदी सरकार ने लगाई रोक

केंद्र सरकार ने लेटरल एंट्री के विज्ञापन पर रोक लगा दी है। इस मामले को लेकर कार्मिक मंत्री ने यूपीएससी (UPSC) चेयरमैन को पत्र लिखा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर सीधी भर्ती के विज्ञापन पर रोक लगा दी गई है।

सरकार के फैसले पर मचा सियासी बवाल 

बता दें कि यूपीएससी ने 17 अगस्त को एक विज्ञापन जारी करते हुए 45 ज्वाइंट सेक्रेटरी, डिप्टी सेक्रेटरी और डायरेक्टर लेवल की भर्तियां निकाली थी। सरकार के इस फैसले पर जमकर सियासी बवाल मचा। कांग्रेस समेत ज्यादातर विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि सरकार आरक्षण पर चोट कर रही है। इतना ही नहीं एनडीए के घटक दलों ने भी फैसले की आलोचना की।

सरकार ने क्यों वापस लिया फैसला? 

केंद्रीय कार्मिक मंत्री जितेंद्र सिंह ने यूपीएससी चेयरमैन को लिखे पत्र में बताया कि सरकार ने यह फैसला लेटरल एंट्री के व्यापक पुनर्मूल्यांकन के तहत लिया है। पत्र में कहा गया है कि ज्यादातर लेटरल एंट्री 2014 से पहले की थी। 2014 से पहले होने वाले लेटरल एंट्री में आरक्षण के बारे में कभी सोचा नहीं गया। नेशनल एडवाइजरी काउंसि पीएमओ को कंट्रोल करती थी।

वहीं, मोदी सरकार का मानना है कि सार्वजनिक नौकरियों में आरक्षण के साथ छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए।

पत्र में आगे लिखा गया कि ये पद विशेष हैं ऐसे में इन पदों पर नियुक्तियों को लेकर आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है। इसकी समीक्षा और जरूरत के अनुरूप इनमें सुधार की जरूरत है क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी का पूरा फोकस सामाजिक न्याय की ओर है।

केंद्रीय मंत्री ने लेटरल एंट्री पर क्या कहा था?

सरकार के इस फैसले पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था  कि एनडीए सरकार ने लेटरल एंट्री को लागू करने के लिए एक पारदर्शी तरीका बनाया है। यूपीएससी के माध्यम से पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से भर्तियां की जाएंगी। इस सुधार से प्रशासन में सुधार होगा।

भाजपा ने  कहा था कि लेटर एंट्री का प्रस्ताव कांग्रेस शासन में लाया गया था। वहीं, मनमोहन सिंह, मोंटेक सिंह अहलूवालिया, सैम पित्रोदा सरीखे लोगों को लेटरल एंट्री के जरिए ही कांग्रेस शासन में सरकार का हिस्सा बनाया गया था। 


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हाई कोर्ट सख्त, 'कल रिपोर्ट दाखिल करे पुलिस, अतिक्रमण हटाया जाए, DCP पेश हों'

दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर कोचिंग हादसे की उच्चस्तरीय जांच करवाने की मांग वाली याचिका पर आज (बुधवार, 31 जुलाई) हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान दिल्ली हाई कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए कहा कि सब के सब गेंद दूसरे के पाले में डालने में लगे हैं. क्या एमसीडी के अधिकारियों की भूमिका की जांच पुलिस कर रही है?

हाई कोर्ट का आदेश

हाई कोर्ट के कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडेला ने इस दौरान आदेश देते हुए कहा कि इस मामले में दिल्ली पुलिस कल रिपोर्ट दाखिल करे. एमसीडी कमिश्नर भी सुनवाई के दौरान व्यक्तिगत रूप से मौजूद रहें. पुलिस के जांच अधिकारी और डीसीपी भी कोर्ट आएं. ड्रेन सिस्टम के ऊपर जो भी अतिक्रमण है, उसे हटाया जाए. एमसीडी के आला अधिकारी खुद फील्ड में जाएं, तो कुछ बदलाव होगा.

जज ने कहा, ''यह बेसमेंट कैसे बने? उनकी अनुमति किस इंजीनियर ने दी. उनसे पानी निकालने का क्या इंतज़ाम किया? यह सारे लोग जो ज़िम्मेदार हैं, वह क्या बच जाएंगे? इसकी जांच कौन करेगा? क्या एमसीडी का कोई एक अधिकारी जेल गया है? सिर्फ वहां से गुज़र रहे एक कार वाले को पकड़ लिया. इस तरह ज़िम्मेदारी तय की जा रही है. यह सुनिश्चित किया जाए कि ऐसी घटनाएं फिर न हों.'' अब शुक्रवार 2.30 बजे सुनवाई होगी.

याचिकाकर्ता के वकील ने क्या कहा?

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि ऐसा लगता है कि हम जंगल में रह रहे हैं. नियम कहते हैं कि एमसीडी और दूसरे विभाग अवैध निर्माण या सेफ्टी नियमों की अनदेखी के सामने आते ही कार्रवाई करें. क्या इन्हें कहीं अनियमितता दिखती ही नहीं.

वकील ने कहा, ''एक छात्र ने राजेंद्र नगर बेसमेंट में चल रहे कोचिंग संस्थानों की शिकायत की. 2 बार रिमाइंडर भी भेजे थे. लेकिन शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.''

वकील ने कहा, ''मामले की उच्चस्तरीय जांच हो. यह भी देखा जाए कि शिकायत पर क्या कार्रवाई हुई? क्या शिकायत की जांच के लिए किसी अधिकारी को नियुक्त किया गया था? कोर्ट दिल्ली के हर जिले में अवैध निर्माण की जांच के लिए ज़िला लेवल कमेटी भी बनाए.''

एक दूसरे वकील ने कहा, ''कुछ दिनों पहले करंट लगने से एक छात्र मर गया था. लगातार लापरवाही हो रही है. भ्रष्टाचार से हर कोई पैसे बना रहा है. एमसीडी जानबूझकर सेफ्टी नियमों की उपेक्षा कर रही है.'' वकील ने कहा कि हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में कमिटी बने. इसका विस्तार दिल्ली के हर जिले तक हो. अवैध पीजी चल रहे हैं. एक बिल्डिंग में 50-60 छात्र रह रहे हैं. हर इलाके के लिए एमसीडी के लोग तय हैं. यह खुला तथ्य है कि निर्माण के दौरान हर लेंटर के लिए वसूली होती है.''

वहीं दिल्ली सरकार के वकील ने कहा, ''नियम बने हुए हैं. उनके पालन की कोशिश की जाती है. बिल्डिंग के आधार पर ही कोचिंग को अनुमति मिलती है. फायर सेफ्टी के लिए इंस्पेक्शन होता है. हम कोचिंग संस्थानों पर लगातार कार्रवाई कर रहे हैं. 75 को नोटिस दिया. 35 बंद हुए, 25 को सील किया गया. कुछ दूसरी जगह शिफ्ट हुए.'' इसपर याचिकाकर्ता ने कहा कि घटना के बाद अब कार्रवाई का दिखावा किया जा रहा है. पहले कुछ नहीं किया. 

दिल्ली सरकार ने इसपर कहा कि कई जांच कमिटी बनी हैं. उनकी रिपोर्ट से और जानकारी मिलेगी. यह सब की साझा ज़िम्मेदारी है. इस तरह की घटनाएं दुखद हैं.

जस्टिस की अहम टिप्पणी

इसके बाद जज ने कहा कि समस्या यह है कि आपने सुविधाओं का ढांचा विकसित किए बिना बिल्डिंग बायलॉज में ढील दी. कई फ्लोर का निर्माण हो जाता है, लेकिन सरकार को जो सुविधाएं देनी होती है, वह नहीं दी जा रही. एमसीडी के पास कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पैसे नहीं हैं. लोगों को सुविधा क्या देगी. 

जज ने कहा, ''100 साल पुराना इंफ्रास्ट्रक्चर है, जिसे विकसित किए बिना बेहिसाब निर्माण होने दिया जा रहा है. पुलिस क्या जांच कर रही है? किसे पकड़ा अभी तक? क्या खुद पुलिस की जानकारी के बिना अवैध निर्माण हो जाते हैं, दूसरी गतिविधियां चलती हैं? सब के सब गेंद दूसरे के पाले में डालने में लगे हैं. क्या एमसीडी के अधिकारियों की भूमिका की जांच पुलिस कर रही है? इतना पानी वहां कैसे जमा हुआ?''

जज ने कहा कि क्या एमसीडी के अधिकारियों की भूमिका की जांच पुलिस कर रही है? इतना पानी वहां कैसे जमा हुआ? इसके बाद वकील ने कहा कि आप घर पर एक ईंट लगाइए, एमसीडी के लोग तुरंत आ जाएंगे, लेकिन उनके आने का मकसद वसूली होता है. अवैध निर्माण रोकने में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है.

कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन ने कहा कि सरकार को पहले सुविधा विकसित करनी चाहिए, फिर निर्माण की इजाज़त देनी चाहिए. यहां ऐसा कुछ नहीं हो रहा. सिर्फ बेहिसाब निर्माण होता चला जा रहा है. बिल्डिंग बायलॉज को ढीला कर दिया गया है.

जज ने कहा कि सड़क से गुजरने वाले को भी पकड़ लिया गया, लेकिन एमसीडी के वरिष्ठ अधिकारियों की क्या कोई भूमिका नहीं? सिर्फ कुछ जूनियर लोगों को सस्पेंड कर दिया, बस. बड़े अधिकारी अपने एसी कमरे से बाहर भी नहीं निकल रहे.

जस्टिस ने कहा कि सरकार को कुछ पता ही नहीं है. उसकी कोई योजना ही नहीं है. एक दिन सूखे की शिकायत करते हैं, दूसरे दिन बाढ़ आ जाती है. आपको अपनी मुफ्त योजनाओं पर दोबारा विचार की ज़रूरत है 6-7 लाख लोगों के लिए बसाए गए शहर में 3 करोड़ से ज़्यादा लोग हो गए हैं. इंफ्रास्ट्रक्चर का कोई विकास नहीं हो रहा है.

जस्टिस ने कहा, ''ड्रेनेज की जगह पर एक पूरा मार्किट बस गया है. सरकार और एमसीडी इसे जानते हैं, पर इसकी बात भी नहीं कर रहे. अगर ड्रेन टूट गया है तो उसे ठीक नहीं किया जा सकता. हर चीज़ इतनी जटिल कर दी गई है कि एमसीडी को खुद कुछ पता नहीं कि कैसे सुधारें. जब पानी आता है, तो वह इंतज़ार नहीं करता. किसी को तो ज़िम्मेदारी लेनी होगी. हम एमसीडी कमिश्नर को निर्देश देते हैं कि खुद उस इलाके में जाएं. अगर पुलिस सही जांच नहीं करेगी, तो हम सीबीआई को मामला सौंपेंगे. दिल्ली में एमसीडी है, जल बोर्ड है, PWD है. किसकी ज़िम्मेदारी क्या है, पता ही नहीं चलता। शायद हमें केंद्रीय गृह मंत्रालय से विचार करने को कहना होगा कि दिल्ली कैसे चलेगी.''


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दिल्ली विश्वविद्यालय के कमला नेहरू कॉलेज में नॉन-टीचिंग पदों पर भर्ती के लिए आवेदन 17 अगस्त तक

डीयू नॉन-टीचिंग भर्ती के मौकों का इंतजार कर रहे उम्मीदवारों के लिए काम की खबर। दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के घटक कमला नेहरू कॉलेज (KNC) द्वारा विभिन्न नॉन-टीचिंग के पदों पर भर्ती के लिए अधिसूचना जारी की गई है। कॉलेज द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक सीनियर पर्सनल असिस्टेंट, सीनियर टेक्निकल असिस्टेंट (कंप्यूटर्स), जूनियर असिस्टेंट, लाइब्रेरी अटेंडेंट, लैबोरेट्री अटेंडेंट (फिजियोलॉजी) और लैबोरेट्री अटेंडेंट (जियोग्राफी) के पदों पर भर्ती की जानी है। यह भी नियमित आधार पर होनी है।

KNC DU Recruitment 2024: आवेदन 17 अगस्त तक

दिल्ली विश्वविद्यालय के कमला नेहरू कॉलेज द्वारा विज्ञापित नॉन-टीचिंग के पदों पर भर्ती के लिए आवेदन के इच्छुक उम्मीदवार ऑनलाइन मोड में अप्लाई कर सकते हैं। आवेदन प्रक्रिया अधिसूचना जारी होने के साथ ही शुरू हो चुकी है और उम्मीदवार निर्धारित अंतिम तिथि 17 अगस्त तक अप्लाई कर सकते हैं। आवेदन के लिए उम्मीदवार KNC की आधिकारिक वेबसाइट, knc.edu.in पर विजिट करें और भर्ती सेक्शन में जाएं। इस सेक्शन में एक्टिव लिंक या नीचे दिए डायरेक्ट लिंक से सम्बन्धित भर्ती अधिसूचना PDF डाउनलोड कर सकते हैं और अन्य लिंक से सम्बन्धित अप्लीकेशन पेज पर जाकर अप्लाई कर सकते हैं।

KNC DU Recruitment 2024: कौन कर सकता है आवेदन?

कमला नेहरू कॉलेज द्वारा जारी भर्ती अधिसूचना के मुताबिक जूनियर असिस्टेंट पदों के लिए आवेदन हेतु उम्मीदवारों को किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10+2 की परीक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए और कंप्यूटर पर अंग्रेजी में 35 शब्द प्रति मिनट और हिंदी में 30 शब्द प्रति मिनट की टाइपिंग की गति होनी चाहिए। उम्मीदवारों की आयु 27 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। अधिकतम आयु सीमा आरक्षित वर्गों के उम्मीदवारों को सरकार के नियमों के अनुसार छूट दी जाएगी। अधिक जानकारी, अन्य पदों के लिए योग्यता और अन्य विवरणों के लिए भर्ती (KNC DU Recruitment 2024) अधिसूचना देखें।


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यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा की तारीखों का एलान

यूपी पुल‍िस में स‍िपाही के 60244 पदों पर सीधी भर्ती की परीक्षा की तारीखों का एलान हो गया है। प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा कांस्टेबल नागरिक पुलिस के 60244 पदों पर सीधी भर्ती-2023 के ल‍िए लिखित परीक्षा का आयोजन 23, 24, 25 अगस्त और 30, 31 अगस्त 2024 को किया जाएगा। यह परीक्षा उक्त तिथियों में प्रतिदिन 2 पालियों में आयोजित की जाएगी और प्रत्येक पाली में लगभग 5 लाख अभ्यर्थी इस परीक्षा में सम्मिलित होंगे।

पुलिस की ओर से विज्ञप्ति जारी की गई है। इसमें बताया गया है क‍ि उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा आरक्षी नागरिक पुलिस के 60244 पदों पर सीधी भर्ती-2023 की लिखित परीक्षा दिनांक 23,24,25 अगस्त एवं 30,31 अगस्त 2024 को आयोजित कराने का निर्णय लिया गया है।

विज्ञप्ति में बताया गया है क‍ि यह परीक्षा पूर्व में निरस्त कर दी गई थी। मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश द्वारा निर्देशित किया गया था कि यह परीक्षा 06 माह के अंदर शुचिता एवं पारदर्शिता के उच्चतम मानकों को दृष्टिगत रखते हुए पुनः आयोजित करायी जाए। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इस परीक्षा को एक निश्चित समय सीमा के अन्तर्गत शुधितापूर्ण एवं पारदर्शी तरीके से उच्चतम मानकों के अनुसार आयोजित करने की प्रतिबद्धता के क्रम में यह कार्यकम घोषित किया गया है।

बताया गया क‍ि चयन प्रक्रिया को पारदर्शी रूप से कराए जाने के संबंध में परीक्षा सम्बन्धित विभिन्न व्यवस्थाओं यथा-परीक्षा की तैयारियों, परीक्षा केन्द्रों के चयन, परीक्षार्थियों का सत्यापन, छ‌द्मनिरूपण रोके जाने आदि हेतु विस्तृत दिशा निर्देश उत्तर प्रदेश शासन द्वारा दिनांक-19.06.2024 को जारी किए गए है। यह परीक्षा इन सभी मानकों के अनुसार की जा रही है।

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश शासन द्वारा सार्वजनिक परीक्षाओं में अनुचित साधनों, जैसे प्रश्नपत्र लीक होना, उत्तर पुस्तिकाओं से छेड़छाड़ आदि को रोकने के लिए उ०प्र० सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अध्यादेश-2024 (उत्तर प्रदेश अध्यादेश संख्या-6, सन् 2024) दिनांक 01 जुलाई, 2024 को अधिसूचित किया गया है, इस अधिनियम में प्रावधान किया गया है कि इस अधिनियम के अन्तर्गत परीक्षा में अनुचित साधनों का प्रयोग करना, नकल करना या नकल कराना, प्रश्न पत्र का प्रतिरूपण करना या प्रकट करना या प्रकट करने का षड्यंत्र करना आदि कृत्य अपराध की श्रेणी में आते हैं, जो इस अधिनियम के अन्तर्गत दण्डनीय है. ऐसे प्रकरणों में एक करोड़ तक का जुर्माना और आजीवन कारावास तक की सजा, दोनों ही हो सकती है।


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वित्त मंत्री ने की शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार के लिए बड़ी घोषणाएं

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली NDA सरकार के तीसरे कार्यकाल की पहला बजट केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आज यानी मंगलवार, 23 जुलाई 2024 को लोक सभा में प्रस्तुत किया जा रहा है। पूर्व वर्षों के दौरान पेश किए गए बजट के अनुसार ही इस बार भी वित्तमंत्री द्वारा शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं।

Education Budget 2024: शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार के लिए बड़ी घोषणाएं

वित्तमंत्री द्वारा केंद्र सरकार के वित्त वर्ष 2024-25 का बजट लोक सभा में आज सुबह 11 बजे से प्रस्तुत किया जा रहा है। बजट 2024 में शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार के लिए की गई मुख्य घोषणाएं नीचे दी गई हैं:-

शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार के लिए इस वित्त वर्ष में 1.48 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान।

महिलाओं के लिए पहली बार नौकरी पर अतिरिक्त वेतन का प्रावधान।

हर साल 25,000 छात्रों की मदद के लिए मॉडल कौशल ऋण योजना में संशोधन का प्रस्ताव।

घरेलू संस्थानों में उच्च शिक्षा के लिए 10 लाख रुपये तक के ऋण के लिए ई-वाउचर हर साल 1 लाख छात्रों को सीधे ऋण राशि के 3% की वार्षिक ब्याज छूट के लिए दिए जाएंगे।

कामकामी महिलाओं के लिए महिला हॉस्टल और शिशु गृहों की स्थापना की जाएगी।

रोजगार प्रोत्साहन के लिए तीन योजनाएं घोषित - योजना क, योजना ख और योजना ग।

योजना 'क' पहली बार रोजगार पाने वाों के लिए है। ईपीएफओ में पहली बार पंजीकृत कर्मचारियों को एक माह के वेतन का 15 हजार रुपए तीन बार में दिया जाएगा।

योजना 'ख': रोजगार पाने के पहले 4 वर्षों में उनके ईपीएफओ योगदान के अनुसार कर्मचारी और नियोक्ता दोनों को प्रत्यक्ष प्रोत्साहन दिया जाएगा।

योजना 'ग': नियोक्ताओं को प्रत्येक कर्मचारी के लिए दो वर्ष तक उनके प्रतिमाह तीन हजार रुपये तक के ईपीएफओ योगदान की प्रतिपूर्ती की जाएगी।

औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (ITIs) का उन्नयन और कौशल विकास कार्यक्रम - हब और स्पोक व्यवस्था के तहत पांच साल में 1000 आइटीआइ का उन्ननयन। राज्यों और उद्योगों के सहयोग से परिणाम और गुणवत्ता पर ध्यान दिया जाएगा।

शीर्ष कंपनियों में इंटर्नशिप - भारत की शीर्ष कंपनियां पांच साल में 1 करोड़ युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देंगी। 5 हजार रुपये मासिक मानदेय के साथ 12 माह की प्रधानमंत्री इंटर्नशिप।

यह भी पढ़ें - Budget 2024 LIVE: 'गरीबों, महिलाओं, युवाओं और किसानों पर सरकार का ध्यान', बजट भाषण में बोलीं वित्त मंत्री

Education Budget 2024: क्या-क्या हैं उम्मीदें?

बात करें शिक्षा बजट 2024-25 से उम्मीदों की तो स्कूल और कॉलेज से लेकर प्रशिक्षण, कौशल विकास एवं प्रतियोगी परीक्षाओं के कोचिंग संस्थानों व एडटेक प्लेयर्स की कई मांगे हैं। इनमें अधिक लागत वाले प्रोफेशनल कोर्सेस के लिए फंडिंग के विकल्प बढ़ाए जाने, सभी शिक्षा सेवाओं पर लगने वाले GST में छूट, शिक्षा की बुनियादी सुविधाओं का ग्रामीण क्षेत्रों में विकास, आदि शामिल हैं।

Education Budget 2024: अंतरिम बजट में की गई थी ये घोषणाएं

बता दें कि वित्तमंत्री ने इस साल 1 फरवरी को भी वर्तमान वित्त वर्ष के लिए केंद्र सरकार का अंतरिम बजट प्रस्तुत किया था। इस अंतरिम बजट में वित्तमंत्री ने पीएम श्री स्कूलों के लिए हुए 4000 हजार करोड़े रुपयेक के आवंटन, 3000 नए आईटीआई, 7 आईआईटी, 16 आईआईआईटी, 7 आईआईएम, 15 एम्स और 390 विश्वविद्यालयों की हुई स्थापनाओं की जानकारी साझा की थी।



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उत्तर प्रदेश में जल्द निकलेगी लेखपाल पदों पर भर्ती, यहां से जान लें पात्रता एवं मापदंड

उत्तर प्रदेश में हाल में लेखपाल पदों पर चयनित होने वाले उम्मीदवारों को मुख्यमंत्री द्वारा नियुक्ति पत्र वितरित किये गए। यह भर्ती पूर्ण होने के बाद अब उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से जल्द ही लेखपाल पदों के लिए नई भर्ती निकालने की अधियाचना शासन को भेजी जा चुकी है। ऐसे में अनुमान है कि जल्द ही यूपीएसएसएससी की ओर से इसके लिए नोटिफिकेशन जारी कर लेखपाल पदों के लिए प्रक्रिया शुरू की जाएगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बार यह भर्ती लगभग 4700 पदों के लिए निकाली जा सकती है।

कौन ले सकेगा लेखपाल भर्ती में भाग

लेखपाल पदों पर आवेदन के लिए अभ्यर्थी के पास यूपीएसएसएससी पीईटी एग्जाम का वैलिड स्कोर कार्ड होना आवश्यक है। इसके साथ ही अभ्यर्थी ने किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड/ संस्थान से 10+2 (इंटरमीडिएट) अवश्य उत्तीर्ण किया हो। शैक्षिक योग्यता के अलावा आवेदन करते समय अभ्यर्थी की न्यूनतम आयु 18 वर्ष से कम और 40 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। ऊपरी आयु सीमा में आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को नियमानुसार छूट दी जाएगी।.

कैसे होगा चयन

राजस्व लेखपाल पदों पर उम्मीदवारों का चयन लिखित परीक्षा के माध्यम से क्या जाएगा। एग्जाम में बहुविकल्पीय प्रकार के 100 प्रश्न पूछे जायेंगे जिनको हल करने के लिए उम्मीदवारों को 2 घंटे का समय प्रदान किया जाएगा। एग्जाम में सामान्य हिंदी विषय से 25 प्रश्न, गणित विषय से 25 प्रश्न, सामान्य ज्ञान से 25 प्रश्न और ग्राम्य समाज एवं विकास से 25 प्रश्न पूछे जाएंगे। प्रत्येक सही उत्तर के लिए अभ्यर्थी को 1 अंक प्रदान किया जाएगा।

अभ्यर्थी ध्यान रखें कि इस परीक्षा में निगेटिव मार्किंग का भी प्रावधान है। प्रत्येक गलत उत्तर देने पर 0.25 अंक की कटौती की जाएगी। भर्ती से जुड़ी अधिक डिटेल यूपीएसएसएससी की ओर से अधिसूचना जारी होने के साथ जारी कर दी जाएगी।


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अग्निवीर वायु भर्ती 2024 के लिए आवेदन आज से शुरू, 12वीं पास को मौका

भारतीय वायु सेना की ओर से अग्निवीर वायु (Intake- 02/2025) के पदों पर भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया आज से शुरू हो गई है। उम्मीदवार ऑफिशियल वेबसाइट agnipathvayu.cdac.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। भर्ती परीक्षा का आयोजन 18 अक्टूबर को किया जाएगा।

एजुकेशनल क्वालिफिकेशन :

मान्यता प्राप्त बोर्ड/ संस्थान से 12वीं (फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स विषयों के साथ)/ संबंधित डिसिप्लिन में इंजीनियरिंग डिप्लोमा किया हो।

उम्मीदवारों का जन्म 3 जुलाई 2004 से पहले और 31 जनवरी 2008 के बाद न हुआ हो।

फीस :

550 रुपए (GST शुल्क अलग से) जमा करना होगा।

आयु सीमा :

उम्मीदवारों का जन्म 2 जुलाई 2004 से लेकर 3 जनवरी 2008 के बीच होना चाहिए।

उम्मीदवारों की उम्र कम से कम 17.5 वर्ष और अधिकतम 21 वर्ष तक होनी चाहिए।

सैलरी :

सिलेक्ट होने वाले कैंडिडेट्स को पहले साल हर महीने 30,000 रुपए सैलरी मिलेगी। इसमें 9,000 रुपए Corpus Fund के तौर पर कटेगा। ऐसे में पहले साल इन हैंड सैलरी 21,000 रुपए की होगी।

दूसरे साल 10% बढ़ोतरी के साथ 33,000 रुपए सैलरी हो जाएगी।

इसी तरह हर साल 10% सैलरी बढ़ेगी।

सिलेक्शन प्रोसेस :

लिखित परीक्षा

डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन

फिजिकल टेस्ट

मेडिकल एग्जामिनेशन

जरूरी डॉक्यूमेंट्स :

आधार कार्ड

निवास प्रमाण पत्र

शैक्षिक दस्तावेज

पुलिस वेरिफिकेशन सर्टिफिकेट

जाति प्रमाण पत्र

मोबाइल नंबर

पासपोर्ट साइज फोटो

ई मेल आईडी

ऐसे करें आवेदन :

ऑफिशियल वेबसाइट agnipathvayu.cdac.in पर जाएं।

होम पेज पर Latest Vacancies के लिंक पर क्लिक करें।

Airforce Agniveer Vayu Selection Test 2024 के लिंक पर जाएं।

अगले पेज पर Register Here के लिंक पर जाएं।

मांगी गई डिटेल्स से पहले रजिस्ट्रेशन करें।

रजिस्ट्रेशन के बाद एप्लीकेशन फॉर्म भर कर सब्मिट कर दें।

ऑनलाइन आवेदन लिंक

ऑफिशियल नोटिफिकेशन लिंक



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पेपर लीक पर अध्यादेश लाई योगी सरकार, दो साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा, एक करोड़ तक जुर्माने का प्रावधान

उत्तर प्रदेश पेपर लीक को लेकर योगी सरकार ने मंगलवार को सख्त कानून का प्रस्ताव पास किया। जिसके अनुसार, इस मामले में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा। अध्यादेश में दोषियों के खिलाफ दो साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है, इसके अलावा एक करोड़ तक का जुर्माना भी लगाए जाने का भी प्रावधान है।

बताते चलें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकसभा चुनावों के दौरान ही नकलमाफियाओं पर नकेल कसने के लिए सख्त कानून लाने की बात कही थी।

दो बड़ी परीक्षाओं के पेपर लीक होने से उठे थे बड़े सवाल

प्रदेश में कई भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी के मामले सामने आ चुके हैं। विशेषकर सिपाही भर्ती और समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ/एआरओ) भर्ती परीक्षा के पेपर लीक होने के बाद पूरी प्रणाली को लेकर सवाल खड़े हुए थे। लाखों अभ्यर्थियों की कड़ी मेहनत पर पानी फिरने के साथ ही परीक्षा संचालित कराने वाली संस्थाएं भी कठघरे में रहीं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे बेहद गंभीरता से लेते हुए फुलप्रूफ परीक्षा कराने के लिए नए सिरे से व्यवस्था करने के साथ ही कानून बनाने के निर्देश दिए थे। आरक्षी नागरिक पुलिस के 60,244 पदों पर भर्ती के लिए 48 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी। लोकसभा चुनाव से पहले भर्ती के लिए 18 व 19 फरवरी को हुई लिखित परीक्षा का पेपर लीक हो गया था।

पेपर लीक के कारण प्रारंभिक परीक्षाएं निरस्त करनी पड़ी थी

24 फरवरी को परीक्षा रद कर दी गई थी। इसके बाद पेपर लीक होने के चलते ही आरओ/एआरओ की दोनों सत्र की प्रारंभिक परीक्षाएं निरस्त करनी पड़ी थी। उप्र लोक सेवा आयोग ने 11 फरवरी, 2024 को आरओ/एआरओ (प्रारंभिक) परीक्षा, 2023 कराई थी। इनसे पहले भी प्रदेश में अन्य परीक्षाओं में भी पेपर लीक के मामले सामने आ चुके हैं। पहले दारोगा भर्ती व टीईटी समेत अन्य परीक्षाओं में गड़बड़ी करने वाले पकड़े भी जाते रहे हैं।


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NEET पेपर लीक कांड में अब तेजस्वी का नाम! कितने आरोप, कितने खुलासे, जानें 5 मई से 18 जून तक की पूरी टाइमलाइन

एनईईटी पेपर लीक गांड का मास्टरमाइंड अमित आनंद पुलिस गिरफ्त में है. उसने पुलिस के सामने अपना गुनाह कबूल करते हुए बताया है कि परीक्षा से एक दिन पहले पेपर लीक हुआ था. इसके अलावा वह कई और पेपर भी लीक करा चुका है.

अमित आनंद ने ये भी बताया है कि एक क्वेश्चन पेपर के लिए 30-32 लाख रुपये में डील हुई थी. पुलिस को उसके घर से कुछ पेपर और आंसर शीट जली हुई हालत में मिली. अमित ने पूछताछ में कई और अहम जानकारियां दी हैं. आइए हम आपको बताते हैं इस पूरे मामले में 5 मई से लेकर 18 जून तक क्या-क्या हुआ.

जानिए मामले में कब क्या हुआ

5 मई 2024 - नीट परीक्षा का आयोजन

6 मई 2024 - NTA का नोटिस, पेपर लीक नहीं हुआ.

8 मई 2024 - पेपर लीक करने के आरोप में बिहार, राजस्थान और दिल्ली से कई गिरफ्तार हुए.

17 मई 2024 -  सुप्रीम कोर्ट में नीट एग्जाम के रिजल्ट रोकने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने नतीजों  पर रोक लगाने से इनकार कर दिया.

1 जून 2024 - पेपर लीक को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका डाली गई.

4 जून 2024 - एनटीए ने 4 जून को नीट का रिजल्ट घोषित किया. 67 छात्रों ने नंबर-1 की रैंक हासिल की.

8 जून 2024 - पहली बार 67 बच्चों के नंबर-1 पर आने के बाद एक निजी कोचिंग सेंटर ने इस पर सवाल उठाए.

9 जून 2024 - NTA की तरफ से दिए गए ग्रेस मार्क के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ममें एक याचिका दायर की गई.

11 जून 2024 - सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई 8 जुलाई तक के लिए टाली.

13 जून 2024 - 1563 छात्रों के री-एग्जाम का एलान किया गया.

16 जून 2024 -  दो आरोपियों ने पेपर लीक करने को लेकर अपना गुनाह कबूला और सारी जानकारी दी.

16 जून 2024 - शिक्षा मंत्री ने माना कि नीट पेपर के आयोजन में गड़बड़ी हुई है.

18 जून 2024 - बिहार में पेपर लीक पर मंत्री का कनेक्शन सामने आया.

18 जून  2024 - इस मामले में NTA की लापरवाही को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उसे जमकर फटकार लगाई.

18 जून 2024 - अब तक इस मामले में 18 गिरफ्तार हो चुके हैं. इसमें से 13 आरोपी बिहार से तो 5 आरोपी गुजरात के गोधरा से गिरफ्तार हुए हैं.

क्या है मंत्री और तेजस्वी कनेक्शन

इस मामले में अचानक मंत्री और तेजस्वी का नाम सामने आने से हर कोई ये जानना चाह रहा है कि आखिर इनका इस केस से क्या कनेक्शन है. दरअसल,  सिकंदर कुमार के लिए पथ निर्माण विभाग कमरा बुक कराया गया था. बताया जा रहा है कि तेजस्वी के पीए ने एनएचआई के गेस्ट हाऊस में सिकंदर कुमार के लिए यह कमरा बुक कराया था. कहा तो ये भी जा रहा है कि सिकंदर रांची की जेल में लालू यादव की सेवा किया करता था.


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