आंध्र प्रदेश के श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर (तिरुपति मंदिर) का मैनेजमेंट करने वाली कमेटी तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने कहा है कि प्रसाद अब पूरी तरह से पवित्र है। हम भक्तों की भावनाओं का ख्याल रखते हुए प्रसाद की पवित्रता को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
TTD के कार्यकारी अधिकारी जे श्यामला राव ने शुक्रवार, 20 सितंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। उन्होंने दावा किया कि लड्डू जिस घी से बनाए जा रहे थे, उसके सैंपल्स के 4 लैब रिपोर्ट्स में इसकी पुष्टि हुई है। राव ने कहा कि मंदिर प्रबंधन के पास अपना लैब नहीं था। घी सप्लायर्स ने इसका फायदा उठाया। TTD ने मिलावटी घी देने वाले सप्लायर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की बात कही है।
दूसरी तरफ, पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी ने भी शुक्रवार को आरोपों पर पहली प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि सीएम चंद्रबाबू नायडू ने जुलाई की लैब रिपोर्ट दिखाई है। वे राजनीतिक फायदे के लिए भगवान का इस्तेमाल कर रहे हैं।
जगन रेड्डी ने कहा कि नायडू ने तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया। वे प्रधानमंत्री मोदी और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ को लेटर लिखकर नायडू के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे।
प्रसादम विवाद कहां पहुंचा...
सुप्रीम कोर्ट: वकील सत्यम सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई। कहा, यह हिंदू धार्मिक रीति-रिवाजों के मूल सिद्वांतों का उल्लंघन है। इस पर कोर्ट को तुरंत संज्ञान लेना चाहिए।
हाईकोर्ट: YSR ने लड्डू में चर्बी विवाद पर हाईकोर्ट का रुख किया। जगन रेड्डी की पार्टी ने इस मामले में मौजूदा जज की निगरानी में जांच का अनुरोध किया है। मामले में अगली सुनवाई 25 सितंबर का होगी।
स्वास्थ्य मंत्रालय: स्वास्थ्य मंत्रालय ने आंध्र प्रदेश सरकार से रिपोर्ट मांगी है। स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा, मैंने CM चंद्रबाबू नायडू से बात की है। मंदिर के प्रसाद (लड्डू) की जांच कराई जाएगी।
CBI: टीडीपी, कांग्रेस और भाजपा ने इस मामले में CBI जांच की मांग की है। हालांकि केंद्र सरकार ने अभी यह केस जांच एजेंसी को नहीं सौंपा है।
CM नायडू ने घी में जानवरों की चर्बी मिलाने का आरोप लगाया था
मुख्यमंत्री नायडू ने भी घी के मुद्दे पर फिर बयान दिया। प्रकासम जिले में एक सभा में नायडू ने कहा, जब बाजार में 500 रुपए किलो घी मिल रहा था तब जगन सरकार ने 320 रु. किलो घी खरीदा। ऐसे में घी में सप्लायर की ओर से मिलावट होनी ही थी। जगन सरकार द्वारा कम दाम वाले घी को खरीदने की जांच हाेगी। पशु चर्बी वाले घी से बने लड्डुओं से तिरुपति मंदिर की पवित्रता पर दाग लगाया है।
CM नायडू ने 18 सितंबर को आरोप लगाया था कि पूर्व जगन सरकार में तिरुपति मंदिर के लड्डू में इस्तेमाल होने वाले घी में जानवरों की चर्बी और फिश ऑयल मिलाया गया था। TDP ने एक लैब रिपोर्ट दिखाकर अपने आरोपों की पुष्टि का दावा भी किया।
आंध्र के डिप्टी सीएम पवन कल्याण ने कहा-
अब समय आ गया है कि मंदिरों से जुड़े सभी मुद्दों पर विचार करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर ‘सनातन धर्म रक्षण बोर्ड’ का गठन किया जाए।
नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी बोले-
वेंकटेश्वर मंदिर में प्रसाद अपवित्र होने की खबरें परेशान करने वाली हैं। यह घटनाक्रम हर भक्त को आहत करेगा। इस पर गहराई से विचार की जरूरत है। देशभर के मंदिर प्रबंधन को धार्मिक स्थानों की पवित्रता की रक्षा करनी चाहिए।
घी सप्लाई करने वाली पांचों कंपनियां बैन, एक का 4 ट्रक घी मिलावट वाला
मामला सामने आने के बाद तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने घी सप्लाई करने वाली कंपनियों से अनुबंध खत्म कर दिया है। घी सप्लाई करने वाली कंपनियां प्रीमियर एग्री फूड्स, कृपाराम डेयरी, वैष्णवी, श्री पराग मिल्क और एआर फूड कंपनी थीं।
पांचों कंपनियों की आपूर्ति में से सिर्फ एआर डेयरी के घी में बीफ की चर्बी की पुष्टि हुई है। कंपनी के चार ट्रक में अशुद्ध घी पुष्टि हुई है। हालांकि पांचों कंपनियों से अनुबंध खत्म कर दिया गया है और पिछले कई सालों से घी सप्लाई कर रही कंपनी KMF से दोबारा अनुबंध किया गया है।
इस कंपनी से अनुबंध इसलिए खत्म किया गया था क्योंकि इसके दाम 450 रुपए से ज्यादा थे, जबकि एआर फूड कंपनी से अनुबंध 320 से 411 रुपए की दर पर था।
YSRCP-TDP सरकार के अलग-अलग सप्लायर
YSRCP ने पिछले साल घी सप्लायर बदला था, गड़बड़ी मिली थी
दरअसल, KMF पिछले 50 साल से कर्नाटक रियायती दरों पर ट्रस्ट को घी दे रहा था। हर छह महीने में 1400 टन घी मंदिर में लगता है। जुलाई 2023 में कंपनी ने कम रेट में सप्लाई देने से मना कर दिया, जिसके बाद जगन सरकार (YSRCP) ने 5 फर्म को सप्लाई का काम दिया था। इनमें से एक तमिलनाडु के डिंडीगुल स्थित एआर डेयरी फूड्स भी है। जिसके प्रोडक्ट में इसी साल जुलाई में गड़बड़ी मिली थी।
TDP सरकार ने इसी साल जुलाई में घी बेचने वालों को ब्लैक लिस्ट किया
TDP सरकार ने इस साल जून में सीनियर IAS अधिकारी जे श्यामला राव को तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) का नया एक्जीक्यूटिव ऑफिसर अपॉइंट किया था।
उन्होंने प्रसादम (लड्डू) की क्वॉलिटी जांच का आदेश दिया। इसके लिए एक कमेटी बनाई। प्रसाद के टेस्ट और क्वॉलिटी को बेहतर बनाने के लिए कमेटी ने कई सुझाव दिए। साथ ही घी की जांच के लिए नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (NDDB), गुजरात में सैंपल भेजे। जुलाई में सामने आई रिपोर्ट में फैट का जिक्र था।
इसके बाद TTD ने तमिलनाडु के डिंडीगुल स्थित एआर डेयरी फूड्स की तरफ से भेजे गए घी के स्टॉक को वापस कर दिया और ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया। इसके बाद TTD ने कर्नाटक मिल्क फेडरेशन से घी खरीदना शुरू कर दिया।
पुराने सप्लॉयर से घी 320 रुपए प्रति किलोग्राम के रेट से खरीदा जाता था। जबकि तिरुपति ट्रस्ट अब कर्नाटक कोआपरेटिव मिल्क फेडरेशन (KMF) से 475 रुपए प्रति किलोग्राम के रेट से घी खरीद रहा है।
घी की शुद्धता का परीक्षण करने वाली प्रयोगशाला एनडीडीबी कोलफ ने तिरुपति को घी की शुद्धता की जांच करने के लिए एक मशीन दान करने पर सहमति दी है। इसकी लागत 75 लाख रुपए है।
300 साल पुराना किचन, ब्राह्मण ही बनाते हैं 3.5 लाख लड्डू
तिरुपति मंदिर दुनिया के सबसे लोकप्रिय और अमीर धर्मस्थलों में से है। यहां हर दिन करीब 70 हजार श्रद्धालु भगवान वेंकटेश्वर स्वामी के दर्शन करते हैं। इसका प्रशासन तिरुपति तिरुमाला देवस्थानम (TTD) संभालता है।
मंदिर परिसर में बनी 300 साल पुरानी किचन ‘पोटू’ में शुद्ध देसी घी के रोज 3.50 लाख लड्डू बनते हैं। यह मंदिर का मुख्य प्रसाद है, जिसे करीब 200 ब्राह्मण बनाते हैं।
लड्डू में शुद्ध बेसन, बूंदी, चीनी, काजू और शुद्ध घी होता है। ट्रस्ट ने करीब एक लाख लड्डू राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा के वक्त अयोध्या भेजे थे।
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