देहरादून के प्रमुख स्थलों पर बाढ़ का संकट, सहस्त्रधारा से टपकेश्वर तक पानी ही पानी

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के मशहूर सहस्त्रधारा में भारी बारिश के बाद देर रात में बादल फटने की घटना हुई है। हादसे के बाद कई दुकानें बह गई हैं।

हालांकि जिला प्रशासन ने स्थानीय लोगों को सुरक्षित इलाके में पहुंचा दिया है। इसके अलावा अब भी रेस्क्यू का काम चल रहा है। इस हादसे में कम से कम दो लोग लापता हैं।

सभी स्कूल बंद, सीएम धामी की हालात पर नजर

जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जारी एक आदेश के अनुसार, भारी बारिश और बादल फटने की घटना को देखते हुए देहरादून में कक्षा 1 से 12 तक के सभी स्कूल फिलहाल बंद हैं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वह स्थानीय प्रशासन के लगातार संपर्क में हैं और स्थिति पर नजर रख रहे हैं।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट किया, "देहरादून के सहस्त्रधारा में कल देर रात भारी बारिश के कारण कुछ दुकानें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। जिला प्रशासन, एसडीआरएफ और पुलिस मौके पर पहुँच गए हैं और राहत एवं बचाव कार्यों में लगे हुए हैं। मैं इस संबंध में स्थानीय प्रशासन के लगातार संपर्क में हूं और व्यक्तिगत रूप से स्थिति पर नज़र रख रहा हूं।"

पीएम और गृह मंत्री ने हालात का लिया जायजा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फ़ोन पर बात करके उत्तराखंड में भारी बारिश से उत्पन्न स्थिति की विस्तृत जानकारी ली।

उन्होंने हर संभव सहायता का आश्वासन दिया और इस बात पर जोर दिया कि केंद्र सरकार संकट की इस घड़ी में उत्तराखंड के साथ पूरी तरह खड़ी है। मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री का आभार व्यक्त करते हुए उन्हें बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में प्रशासनिक तंत्र पूरी तरह सक्रिय है और युद्धस्तर पर बचाव एवं राहत अभियान चलाया जा रहा है।

टपकेश्वर महादेव मंदिर भी जलमग्न

भारी बारिश के कारण तमसा नदी उफान पर है और टपकेश्वर महादेव मंदिर जलमग्न हो गया है। मंदिर के पुजारी आचार्य बिपिन जोशी कहते हैं, "सुबह 5 बजे से ही नदी में तेज़ बहाव शुरू हो गया था, पूरा मंदिर परिसर जलमग्न हो गया था। ऐसी स्थिति बहुत लंबे समय से नहीं आई थी। कई जगहों पर नुकसान हुआ है। लोगों को इस समय नदियों के पास जाने से बचना चाहिए। मंदिर का गर्भगृह सुरक्षित है। अभी तक किसी भी तरह के जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं है।"


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कल से शुरू होगी वैष्णो देवी यात्रा, 18 दिन में एक हज़ार करोड़ का नुकसान

मां वैष्णो देवी की यात्रा रविवार, 14 सितंबर से दोबारा शुरू होने जा रही है। 18 दिन के लंबे इंतजार के बाद अब कटड़ा, भवन और यात्रा मार्ग पर एक बार फिर भक्तों की भीड़ और भजन-कीर्तन से माहौल गूंजेगा। यात्रा की बहाली की खबर मिलते ही श्रद्धालु उत्साहित हैं। वहीं, घोड़ा, पिट्ठू और पालकी वालों के साथ-साथ कटड़ा और जम्मू के व्यापारी भी राहत महसूस कर रहे हैं।

श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने यात्रा मार्ग की साफ-सफाई तेज कर दी है और श्रद्धालुओं से जानकारी के लिए आधिकारिक वेबसाइट www.maavaishnodevi.org

 का उपयोग करने की अपील की है। गौरतलब है कि 26 अगस्त को आद्कुंवारी क्षेत्र में भूस्खलन के कारण 34 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। इसके बाद लगातार बारिश और मार्ग की खराब स्थिति के चलते यात्रा स्थगित कर दी गई थी। यह पहली बार है जब भूस्खलन के कारण यात्रा इतने लंबे समय तक बंद रही।

इस दौरान कटड़ा का व्यापार पूरी तरह ठप हो गया। स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि 18 दिनों में होटल, परिवहन और कारोबार को 800 से 1000 करोड़ रुपये तक का नुकसान उठाना पड़ा। अकेले होटल इंडस्ट्री को ही लगभग 500 करोड़ रुपये का घाटा हुआ, जबकि ड्राई फ्रूट कारोबारियों को करीब 200 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। कई व्यापारियों का कहना है कि बंद दुकानों में रखा माल भी खराब हो गया।

अब जब यात्रा शुरू होने जा रही है, तो कटड़ा में दुकानों के शटर फिर उठने लगे हैं। श्रद्धालु भी लंबे इंतजार के बाद मां के दर्शन के लिए उत्सुक हैं। भंडारा, महाराष्ट्र से आए श्रद्धालु रामचंद्र ने कहा कि वे अपने साथियों संग 5 सितंबर से कटड़ा में रुके हुए थे और अब मां के दर्शन की खबर से बेहद प्रसन्न हैं।

इस बीच, 22 सितंबर से शुरू होने वाले नवरात्र में इस बार कार्यक्रम सादगी से मनाने का निर्णय लिया गया है। अर्धकुंवारी हादसे को ध्यान में रखते हुए अखिल भारतीय भेंट प्रतियोगिता, शोभा यात्रा और दंगल जैसे कार्यक्रम नहीं होंगे। अंतिम फैसला श्राइन बोर्ड और प्रशासन की बैठक में लिया जाएगा।






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भक्तों की भीड़ में बांकेबिहारीजी के दर्शन हेतु पहुँचे प्रेमानंद महाराज

राधा नाम का प्रचार प्रसार कर देश दुनिया में सनातनियों को अपने प्रवचनों से प्रभावित करने वाले संत प्रेमानंद शुक्रवार को पहली बार आराध्य बांकेबिहारीजी के दर्शन को पहुंचे। अपने अनुयायियों संग मंदिर में जैसे ही संत प्रेमानंद पहुंचे, प्रांगण में मौजूद भक्तों में संत प्रेमानंद के पास पहुंचने की होड़ लग गई। 

ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में शुक्रवार की सुबह करीब सवा दस बजे भक्तों की भीड़ से मंदिर प्रांगण भरा था। इसी बीच मंदिर के गेट संख्या दो से जैसे ही अनुयायियों संग संत प्रेमानंद ने मंदिर में एंट्री की, भक्त उल्लासित हो गए।

कोई राधे राधे का जाप करने लगा तो कोई मेरे गुरुजी मेरे गुरुजी कहकर संत का सामीप्य पाने की होड़ में लग गया। गेट नंबर दो से आगे बढ़ते हुए वीआईपी कटहरा तक पहुंचे तो भीड़ को दूर करने में अनुयायियों और सुरक्षा गार्डों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। 

संत प्रेमानंद ने वीआईपी कटहरा में पहुंचकर आराध्य बांकेबिहारीजी के दर्शन किए। मंदिर सेवायत सोनू गोस्वामी ने संत प्रेमानंद को वैदिक मंत्रोचारण के मध्य पूजा अर्चना करवाई। इससे पहले करीब साढ़े नौ बजे संत प्रेमानंद ने राधावल्लभ पहुंचकर दर्शन एवं पूजा अर्चना की।


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सलमान खान ने नंगे पांव किए बप्पा के दर्शन

गणेशोत्सव के खास मौके पर सलमान खान ने सोमवार को महाराष्ट्र के मिनिस्टर आशीष शेलार के घर विराजमान गणपति बप्पा दर्शन किए। इस दौरान सलमान खान नंगे पैर नजर आए और हाथ जोड़कर आशीर्वाद लिया, जबकि उनकी सिक्योरिटी टीम ने जूते पहने हुए थे।

मिनिस्टर के घर से सलमान खान के कई वीडियोज सामने आ रहे हैं। वीडियो में सलमान खान हाथ जोड़कर आशीर्वाद लेते और टीका लगवाते भी नजर आ रहे हैं।

सलमान खान बप्पा के दर्शन के लिए कड़ी सिक्योरिटी में पहुंचे थे, इस दौरान बॉडीगार्ड्स ने उन्हें कवर कर रखा था और सलमान खान बिना चप्पलों के भागते हुए नजर आए और कार तक पहुंचे।

महाराष्ट्र के मिनिस्टर आशीष शेलार ने भी सलमान खान के साथ कुछ तस्वीरें पोस्ट की हैं। अपने ऑफिशियल X (पहले ट्विटर) अकाउंट से आशीष शेलार ने एक्टर की तस्वीरों के साथ लिखा है, 'एक्टर सलमान खान हमारे बांद्रा वेस्ट पब्लिक गणेषोत्सव कमेटी के गणपति के दर्शन करने आए हैं।'

मुलाकात के दौरान मिनिस्टर ने सलमान खान को एक फोटो फ्रेम भी भेंट किया है। इस दौरान सलमान ने चेक शर्ट और डेनिम जींस पहन रखी थी। वो अपने उस लुक में पहुंचे थे, जो वो फिल्म बैटल ऑफ गलवान में रखने वाले हैं।


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अयोध्या के राम दरबार की आरती में श्रद्धालु होंगे शामिल

अब राम मंदिर के प्रथम तल पर प्रतिष्ठित राजा राम के दरबार की आरती में भी श्रद्धालु सम्मिलित हो सकेंगे। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने रामभक्तों को आरती में सम्मिलित कराने के लिए वाक इन सुविधा शुरू की है। इसके माध्यम से भक्तों को यात्री सेवा केंद्रों से ही भौतिक उपस्थिति के आधार पर आरती पास जारी किए जा रहे हैं।

प्रथम तल पर स्थानाभाव के कारण अभी तीनों आरतियों के लिए प्रतिदिन केवल 15-15 आरती पास ही दिए जा रहे हैं। निर्माण कार्य संपन्न हो जाने और कारिडोर बन जाने के उपरांत आरती में श्रद्धालुओं की संख्या भविष्य में बढ़ाई जा सकती है।

रामजन्मभूमि परिसर के परकोटे के मध्य निर्मित छह पूरक मंदिरों में प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा के साथ राम मंदिर के प्रथम तल पर पांच जून को ही राम दरबार को भी प्रतिष्ठित किया गया था। ट्रस्ट ने 13 जून से इसके दर्शन की अनुमति प्रदान कर दी थी और रामलला के साथ राजा राम की भी विधिवत पूजा-अर्चना व आरती कराई जाती रही।

वहीं, प्रथम तल पर निर्माण कार्य जारी रहने और गर्भगृह के समक्ष खुला स्थान होने से आरती में किसी भक्त को नहीं शामिल किया जाता था। दूसरी ओर, भूतल पर विराजमान रामलला की आरती में प्राण प्रतिष्ठा के बाद से ही भक्तों को सम्मिलित किया जाता रहा है।

इसके लिए ट्रस्ट की ओर से प्रतिदिन तीनों आरतियों मंगला, श्रृंगार व शयन के लिए 150-150 पास जारी किए जाते हैं। यह पास ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों माध्यम से जारी होते हैं। दर्शन शुरू होने के बाद से राम दरबार की आरती में श्रद्धालुओं को सम्मिलित किए जाने की प्रतीक्षा हो रही थी, परंतु छिटपुट कार्य जारी रहने से यह संभव नहीं हो पा रहा था।

अब जबकि उक्त कार्य समाप्त हो गए तो ट्रस्ट ने इसकी सहमति प्रदान कर दी है। सूत्रों ने बताया कि ट्रस्ट की ओर से वाक इन व्यवस्था के तौर पर भक्तों को आरती में शामिल कराया जा रहा है।

रामजन्मभूमि पथ के बगल स्थित यात्री सेवा केंद्र से प्रतिदिन सुबह नौ बजे राम दरबार की तीनों आरतियों के लिए 15-15 पास जारी किए जा रहे हैं। दर्शन व आरती पास की व्यवस्था से जुड़े एक जिम्मेदार ने बताया कि अभी यह सुविधा केवल भौतिक उपस्थिति के आधार पर ही दी जा रही है। राम दरबार की आरती के लिए ऑनलाइन पास नहीं मिल सकेंगे।

लाइव प्रसारण में अभी विलंब

रामलला की तरह राम दरबार की आरती के भी लाइव प्रसारण के लिए ट्रस्ट ने दूरदर्शन को प्रसारण का अधिकार दे दिया है। दूरदर्शन की ओर से कैमरे लगा कर पूरा सेटअप विकसित भी किया जा रहा है, परंतु आरती का प्रसारण होने में अभी थोड़ा विलंब बताया जा रहा है।

यह देरी निर्माण कार्य जारी रहने से हो रही है। अब जो भी भक्त दर्शन करने आएंगे उन्हें आरती में सम्मिलित होने का मौका मिलेगा। वहीं, लोग राम मंदिर का भी सुगमता से दर्शन कर सकेंगे। 



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मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर उत्साह

नटवर नागर के 5252वें जन्मोत्सव का उत्साह है। शनिवार रात 12 बजे श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर कंस के कारागार में लाला का प्राकट्य होगा। जन्मस्थान भी अद्भुत रंगों से सजा है। जन्मोत्सव पर ठाकुरजी मेघधनु (इंद्रधनुषी रंग की) पोशाक धारण करेंगे। सीएम योगी मथुरा में आए हैं।

इसमें नाम के अनुरूप इंद्रधनुष के सात रंगों का प्रयोग रेशम, जरी, रत्नों के रूप में किया गया है। कंस की कारा (गर्भगृह) को 221 किलो चांदी की परत से सजाया जाएगा। गर्भ गृह में पुष्प बंगला बनेगा। मां योगमाया मंदिर में सिंहासन, अस्त्र-शस्त्र, पादुकाएं लगभग 51 किलोग्राम चांदी से तैयार कराई गई हैं। भगवान श्रीकृष्ण सिंदूर पुष्प बंगला में विराजमान होंगे। जन्मोत्सव पर आपरेशन सिंदूर की झलक दिखाई देगी।

मथुरा पहुंचे सीएम योगी

भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव पर शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मथुरा पहुंचे। वह श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर कान्हा के दर्शन करने पहुंचे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को हेलीकाप्टर से पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय पहुंचे। यहां से वे जन्मस्थान पहुंचे। जन्मस्थान पर उन्होंने सभी को कृष्ण जन्मोत्सव की बधाई दी। सीएम ने भारत माता की जय का नारा लगाया और राधे राधे का नाम लिया। जन्मस्थान में सीएम योगी ने गर्भ गृह में ठाकुरजी के दर्शन किए। इसके बाद योगमाया, केशव देव महाराज का पूजन किया। भागवत भवन युगल सरकार के दर्शन किए।


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बांके बिहारी मंदिर न्यास विधेयक विधानसभा में पेश

 विधानमंडल के मानसून सत्र के तीसरे दिन विधानसभा में बुधवार को श्री बांके बिहारी जी मंदिर न्यास विधेयक-2025 पेश किया गया। यह विधेयक 26 मई को जारी हुए उप्र श्री बांके बिहारी जी मंदिर न्यास अध्यादेश का प्रतिस्थानी है।

इसके तहत न्यास का गठन स्वामी हरिदास की परंपरा के अनुसार मंदिर के रीति-रिवाज के आधार पर किया जाना है। विधेयक में स्पष्ट है कि मंदिर के चढ़ावे, दान और सभी चल-अचल संपत्तियों पर न्यास का अधिकार होगा।

इसमें मंदिर में स्थापित मूर्तियां, मंदिर परिसर और सीमा के भीतर देवताओं के लिए दी गई भेंट/उपहार, किसी भी पूजा-सेवा-कर्मकांड-समारोह-धार्मिक अनुष्ठान के समर्थन में दी गई संपत्ति, नकद या वस्तु, मंदिर परिसर के उपयोग के लिए डाक/तार से भेजे गए बैंक ड्राफ्ट और चेक तक शामिल हैं।

मंदिर की संपत्तियों में आभूषण, अनुदान, योगदान, हुंडी संग्रह सहित श्री बांके बिहारी जी मंदिर की सभी चल एवं अचल संपत्तियां शामिल मानी जाएंगी।

विधानसभा में इस विधेयक को संसदीय कार्यमंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने रखा। विधेयक में स्पष्ट है कि न्यास का गठन स्वामी हरिदास की परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए किया गया है। स्वामी हरिदास के समय से चली आ रही रीति-रिवाज, त्योहार, समारोह और अनुष्ठान बिना किसी हस्तक्षेप या परिवर्तन के जारी रहेंगे।

यह न्यास दर्शन का समय भी तय करेगा। पुजारियों की नियुक्ति करेगा और वेतन व भत्ते आदि निर्धारित करेगा। भक्तों और आगंतुकों की सुरक्षा तथा मंदिर के प्रभावी प्रशासन और प्रबंधन की जिम्मेदारी भी इसी न्यास की होगी।

न्यास मंदिर का सर्वांगीण विकास व समुचित प्रबंधन करेगा। इसके गठन के बाद श्रद्धालुओं को विश्वस्तरीय सुख-सुविधाएं उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है, इसमें प्रसाद वितरण, वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों के लिए अलग दर्शन मार्ग, पेयजल, विश्राम के लिए बेंच, पहुंच एवं कतार प्रबंधन कियोस्क, गोशालाएं, अन्नक्षेत्र, रसोईघर, होटल, सराय, प्रदर्शनी कक्ष, भोजनालय और प्रतीक्षालय जैसी व्यवस्थाएं शामिल हैं।

न्यास में 11 मनोनीत व सात पदेन होंगे सदस्य

न्यास में 11 मनोनीत और सात पदेन सदस्य होंगे। मनोनीत सदस्यों में वैष्णव परंपराओं, संप्रदायों/पीठों से तीन प्रतिष्ठित सदस्य जिनमें साधु-संत, मुनि, गुरु, विद्वान, मठाधीश, महंत, आचार्य, स्वामी शामिल हो सकते हैं।

सनातन धर्म की परंपराओं, संप्रदायों/पीठों से तीन सदस्य, सनातन धर्म की किसी भी शाखा/संप्रदाय से तीन सदस्य (प्रतिष्ठित व्यक्ति/शिक्षाविद/विद्धान/उद्यमी/वृत्तिक/समाजसेवी), मंदिर में सेवारत गोस्वामी परंपरा से दो सदस्य जो स्वामी हरिदास जी के वंशज हों। इनमें एक राज-भोग सेवायतों व दूसरा शयन-भोग सेवायतों का प्रतिनिधित्व करेगा।

मनोनीत सदस्यों का कार्यकाल तीन वर्ष का होगा। पदेन सदस्यों में मथुरा के जिला मजिस्ट्रेट, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, नगर आयुक्त, उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ क्षेत्र विकास परिषद के सीईओ, बांके बिहारी मंदिर ट्रस्ट के सीईओ, धर्मार्थ कार्य विभाग का अधिकारी और राज्य सरकार का नामित प्रतिनिधि शामिल होंगे।

हर तीन महीने में होगी बैठक

न्यास की बैठक हर तीन महीने में अनिवार्य होगी। आयोजन से 15 दिन पहले नोटिस देना होगा। बोर्ड/सदस्य सद्भावना-पूर्वक किए गए कार्यों के लिए उत्तरदायी नहीं ठहराए जाएंगे। न्यास को ₹20 लाख तक की चल/अचल संपत्ति स्वयं खरीदने का अधिकार होगा। इससे अधिक के लिए सरकार की स्वीकृति आवश्यक होगी। मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) एडीएम स्तर के अधिकारी होंगे।


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राजकुमार राव ने जालंधर कोर्ट में किया सरेंडर, HC ने पुलिस से मांगी रिपोर्ट

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने अभिनेता राजकुमार राव के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द कराने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब पुलिस से जालंधर पुलिस आयुक्त के शपथपत्र के माध्यम से जांच की स्थिति रिपोर्ट मांगी है।

यह मामला वर्ष 2017 की फिल्म "बहन होगी तेरी" के प्रचार के दौरान एक विवादास्पद पोस्टर से जुड़ा है, जिसमें राजकुमार राव भगवान शिव के रूप में मोटरसाइकिल पर बैठे नजर आए थे।

गैर-जमानती वारंट भी किया गया जारी

इस मामले में धारा 295ए (धार्मिक भावनाएं भड़काने की मंशा से किया गया कृत्य), धारा 120बी (आपराधिक साजिश) और आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसके चलते अभिनेता के खिलाफ गैर-जमानती वारंट भी जारी किए गए थे।

हाल ही में राजकुमार राव ने जालंधर की एक अदालत में आत्मसमर्पण किया, जहां उन्हें जमानत दे दी गई। इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर एफआईआर रद्द करने की मांग की।

याचिका में कहा गया है कि धारा 295ए के तहत कार्रवाई के लिए ‘जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण मंशा’ जरूरी होती है, जो इस मामले में कहीं से भी प्रमाणित नहीं होती।

'अभिनेता महज एक फिल्मी किरदार'

याचिका में आगे कहा गया है कि अभिनेता ने महज एक फिल्मी किरदार निभाया, जिसमें उनका पात्र एक जागरण मंडली में भगवान शिव की भूमिका निभाता है, और यह पूरी तरह एक कलात्मक प्रस्तुति है। इसके पीछे किसी समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की कोई मंशा नहीं थी।

राजकुमार राव की ओर से दलील दी गई कि फिल्म "बहन होगी तेरी" को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड सर्टिफिकेट मिला था, जो यह दर्शाता है कि फिल्म की सामग्री कानूनी रूप से आपत्तिजनक नहीं है। इसके साथ ही यह भी कहा गया कि अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सुरक्षित है।

न्यायमूर्ति एनएस शेखावत ने मामले में नोटिस जारी करते हुए कहा, "स्टेटस रिपोर्ट जालंधर पुलिस आयुक्त द्वारा शपथपत्र के माध्यम से अगली सुनवाई से पहले प्रस्तुत की जाए।"मामले की अगली सुनवाई अब 8 अगस्त 2025 को होगी।



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अमरनाथ यात्रा के बीच श्रीनगर में मुठभेड़, सेना ने चलाया 'ऑपरेशन महादेव'

अमरनाथ यात्रा 2025 के दौरान श्रीनगर में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ की सूचना है। सेना के जवानों ने आतंकियों को मार गिराने के लिए 'ऑपरेशन महादेव' चलाया है।

पहले तीन आतंकियों के छिपे होने की जानकारी मिल रही थी, अब सूचना है कि सेना ने तीन आतंकियों को ढेर कर दिया है। सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके को सील कर दिया है और बड़े पैमाने पर सर्च अभियान चलाया जा रहा है।

सेना के मुताबिक, सोमवार को श्रीनगर के हरवान के लिडवास इलाके में आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई।

भारतीय सेना की चिनार कोर द्वारा एक्स हैंडल पर की गई पोस्ट में जानकारी दी गई है कि लिडवास इलाके में मुठभेड़ शुरू हो गई है और अभी ऑपरेशन जारी है।

इस बीच अधिकारियों ने बताया कि पुलिस, सेना और सीआरपीएफ की एक संयुक्त टीम ने महादेव के पास मुलनार के वन क्षेत्र में घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया है। जैसे ही सुरक्षाबल संदिग्ध स्थान के पास पहुंचे, छिपे हुए आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके बाद सुरक्षाबलों ने भी जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी।

सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी चल रहे अभियान की निगरानी के लिए मौके पर पहुंच गए हैं।प्रारंभिक जानकारी से पता चलता है कि प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) संगठन से जुड़े आतंकवादियों का एक समूह इलाके में फंसा हुआ है। अभियान जारी है और आगे की जानकारी का इंतजार है।


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भूस्खलन से पैदल मार्ग बन्द, केदारनाथ यात्रा रोकी

गौरीकुण्ड में पहाड़ी के दरकने से मलबा-पत्थर आने पर पैदल मार्ग पूरी तरह से बाधित‌ हो गया है। यात्रियों की सुरक्षा के दृष्टिगत मार्ग के खुलने तक यात्रियों की आवाजाही पूर्ण रूप से की गई है बन्द कर दी गई है।

गौरीकुंड घोड़ा पड़ाव के पास भूस्खलन के कारण केदारनाथ से गौरीकुंड की ओर जाने वाले कुछ तीर्थयात्री फंस गए हैं। जिन्हें एनडीआरएफ द्वारा सुरक्षित निकाला जा रहा है।

देर रात्रि करीब 03:30 बजे गौरीकुण्ड के समीप श्री केदारनाथ धाम जाने वाले पैदल मार्ग पर पहाड़ी दरकने से पैदल मार्ग बाधित हो गया है। सम्बन्धित कार्यदाई संस्था लोक निर्माण विभाग के स्तर से मार्ग को खोले जाने की कार्यवाही चल रही है।

यात्रियों की सुरक्षा की दृष्टिगत फिलहाल पैदल आवाजाही पूर्णतया बन्द की गई है। प्रशासन व‌ पुलिस ने यात्रियों से अपील है कि मौसम पूर्वानुमान के अनुरूप ही यात्रा करें।


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