Kedarnath में लैंडिंग के समय हेलीकॉप्‍टर क्रैश, मचा हड़कंप

केदारनाथ हेलीपैड में ऋषिकेश एम्स से से केदारनाथ आ रहा एक हेलीकॉप्टर लैंडिंग के समय अचानक अनियंत्रित होकर क्रैश हो गया। ऋषिकेश से हेली एंबुलेंस के रूप में यह सेवा चलती है, जो केदारनाथ में मरीज को लेने आई थी।

दिल्ली में दो डॉक्टर वह पायलट सवार थे। सभी सुरक्षित हैं। यह घटना हेलीपैड से 20 मी पर पहले हुई। बताया गया कि इमरजेंसी मेडिकल सेवा के तहत ही हेलीकॉप्‍टर मरीज को लेने केदारनाथ आया था।

पायलट की सूझबूझ से टला बड़ा हादसा

श्री केदारनाथ धाम में एक मरीज को रेस्क्यू करने पहुंचे संजीवनी हेली एंबुलेंस की आपातकाल लैंडिंग करने के दौरान क्रैश हो गया। पायलट की सूझबूझ से बड़ा हादसा टल गया। हेली में एम्स ऋषिकेश से आई मेडिकल टीम भी सवार थी। सफल आपातकाल लैंडिंग के चलते पायलट सहित मेडिकल की टीम सुरक्षित है।


...

माता वैष्णो देवी धाम पर फ्री हुईं कई सुविधाएं, ठहरना और भोजन भी एकदम मुफ्त

भारत- पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम के बाद देशभर से श्रद्धालुओं ने मां वैष्णो देवी (Mata Vaishno Devi Dham Free Facilities) के आधार शिविर कटड़ा की तरफ रुख करना शुरू कर दिया है। धीरे-धीरे यात्रा आंशिक बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। गुरुवार रात दस बजे तक 5423 श्रद्धालु भवन की ओर रवाना हो चुके थे।

यात्रियों को मिल रही फ्री सुविधाएं

श्राइन बोर्ड की तरफ से यात्रा में बढ़ोतरी के लिए श्रद्धालुओं को कटड़ा से लेकर कई तरह की सुविधाएं निशुल्क मुहैया करवाई जा रही है। इनमें कटड़ा, और मां वैष्णो देवी भवन और अर्धकुंवारी मंदिर क्षेत्र में ठहरने की व्यवस्था, मां के भवन व अर्धकुंवारी मंदिर परिसर में रोजाना होने वाली दिव्य आरती में बैठने की सुविधाएं शामिल हैं।

इसके अलावा भवन मार्ग पर जगह-जगह स्थापित लंगरों में भोजन, बाणगंगा क्षेत्र के साथ ही कटड़ा रेलवे स्टेशन पर श्राइन बोर्ड द्वारा श्रद्धांलुओं के लिए निशुल्क चाय का काउंटर स्थापित किया है।

भवन पर सुबह और शाम दिव्य आरती के समय श्रद्धालुओं की थोड़ी रौनक देखने को मिल रही है, लेकिन अधिकांश समय मां का भवन और यात्रा मार्ग वीरान नजर आ रहा है।श्राइन बोर्ड ने क्यों लिया यह फैसला?

श्राइन बोर्ड ने रविवार को इस बात का एलान किया कि जो भी श्रद्धालु आधार शिविर कटड़ा में मां वैष्णो (Mata Vaishno Devi News) की यात्रा के लिए पहुंच रहे हैं ऐसे सभी श्रद्धालुओं के लिए कटड़ा में श्राइन बोर्ड के आशीर्वाद परिसर में ठहरने की निशुल्क व्यवस्था श्राइन बोर्ड द्वारा की गई है।

दरअसल, भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के कारण यात्रा में कमी को देखते हुए श्राइन बोर्ड ने आशीर्वाद परिसर में ठहरने की निशुल्क व्यवस्था की है। श्राइन बोर्ड निशुल्क इन सुविधाओं को कब तक जारी रखेगा। इसे लेकर फिलहाल अपडेट नहीं है। लेकिन संभव है कि श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा होते ही श्राइन बोर्ड फ्री सुविधाएं रोक दें।


...

मां वैष्णो देवी में बढ़ाई गई सुरक्षा व्यवस्था, चप्पे-चप्पे पर तैनात किए गए सुरक्षाबल के जवान

 पिछले कुछ दिनों से मां वैष्णो देवी की यात्रा (Maa Vaishno Devi Yatra) पर बुरा असर पड़ा है। मां वैष्णो देवी की यात्रा में लगातार गिरावट जारी है। मई महीने में 30 से 35 हजार से अधिक श्रद्धालु रोजाना मां वैष्णो के दरबार में पहुंचते थे, लेकिन वर्तमान में मात्र 10 हजार श्रद्धालु ही पहुंच रहे हैं।

इसके चलते आधार शिविर कटड़ा से लेकर मां वैष्णो देवी (Maa Vaishno Devi Yatra 2025) भवन व यात्रा मार्ग सुनसान हो गए हैं और इक्का-दुक्का श्रद्धालु ही नजर आ रहे हैं।

कटड़ा में स्थित हैलीपैड भी रहा बंद

श्रद्धालुओं की सुरक्षा के मद्देनजर शाम में छह बजते ही ताराकोट यात्रा मार्ग को श्रद्धालुओं की आवाजाही के लिए बंद कर दिया जाता है। शुक्रवार को भी ताराकोट यात्रा मार्ग बंद होने पर श्रद्धालु पारंपरिक मार्ग से ही भवन की ओर रवाना होते रहे।

वहीं, कटड़ा में स्थित हैलीपैड भी बंद रहा। इसके चलते हेलीकॉप्टर सेवा स्थगित रही और श्रद्धालु पैदल या फिर घोड़ा, पिट्ठू अथवा पालकी आदि का सहारा लेकर अपनी मां वैष्णो देवी (Mata Vaishno Devi Yatra ) की यात्रा करते नजर आए।

गुरुवार को 10256 श्रद्धालुओं ने मां वैष्णो देवी (Maa Vaishno Devi) के चरणों में हाजिरी लगाई थी और शुक्रवार देर शाम छह बजे तक 4400 श्रद्धालु भवन की ओर रवाना हो चुके थे। मां वैष्णो देवी की यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को बैटरी कार सेवा के साथ ही रोपवे केबल कार सेवा जैसी सुविधाएं उपलब्ध हो रही हैं।

वहीं, माता वैष्णो देवी (Mata Vaishno Devi) रेलवे स्टेशन कटड़ा भी लगभग सुनसान हो गया है। रेल विभाग के अनुसार मात्र 15 से 20 प्रतिशत ही श्रद्धालु रेल मार्ग से कटड़ा पहुंच रहे हैं। अधिकांश ट्रेन खाली ही कटड़ा पहुंच रही है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर जगह-जगह सुरक्षाबल के जवान तैनात हैं।


...

भारत-पाकिस्‍तान तनाव के बीच केदारनाथ हेली सेवा पर लगी रोक, देहरादून हवाई अड्डे पर सघन चेकिंग जारी

भारत पाकिस्‍तान के बीच चल रहे तनाव का असर चारधाम यात्रा पर भी पड़ रहा है। केदारनाथ धाम की हेली सेवाओं को अग्रिम आदेश तक रोक दिया गया है। वहीं देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर सघन चेकिंग की जा रही है।

जानकारी के मुताबिक जौलीग्रांट से दो धामों को उड़ान भरने वाले हेलीकॉप्टर रुद्राक्ष एवियेशन की उड़ान शनिवार के लिए रोकी गई है। अभी कंपनी की और से आगे के लिए दिशा निर्देश नहीं मिलने की जानकारी दी जा रही है।फिलहाल आज हेलीकॉप्टर ने उड़ान नहीं भरी है।


...

चारधाम यात्रा सहित सात जिलों में ऑरेंज अलर्ट, बारिश-बर्फबारी और ओलावृष्टि बढ़ा सकती है दुश्वारियां

 उत्तराखंड में पहाड़ से मैदान तक वर्षा-ओलावृष्टि का क्रम जारी है। बीते करीब चार दिन से प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में वर्षा दर्ज की जा रही है। जिससे पारे में भारी गिरावट है। इसके अलावा कहीं-कहीं ओलावृष्टि व अंधड़ दुश्वारियां बढ़ा रहे हैं।

आकाशीय बिजली चमकने के साथ ही कुछ क्षेत्रों में तीव्र बौछारें मुश्किलें बढ़ा रही हैं। चारधाम यात्रा मार्ग पर भी वर्षा और ओलावृष्टि हो रही है। जिससे संवेदनशील क्षेत्रों में भूस्खलन का खतरा बना हुआ है।

मौसम विभाग ने आज भी प्रदेशभर में ही वर्षा-ओलावृष्टि और अंधड़ को लेकर अलर्ट जारी किया है। पर्वतीय क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।

धूप और बादलों की आंख-मिचौनी

मंगलवार को देहरादून समेत प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में सुबह से ही धूप और बादलों की आंख-मिचौनी चलती रही। कुमाऊं में पर्वतीय क्षेत्रों में कहीं-कहीं बौछारें पड़ीं। इसके अलावा गढ़वाल में गर्जन के साथ घने बादलों के बीच तीव्र वर्षा हुई। चारधाम में भी दोपहर बाद तेज हवाओं के साथ हल्की वर्षा दर्ज की गई।

दून-मसूरी में शाम को झमाझम वर्षा हुई। प्रदेशभर में बारिश के कारण तापमान में भारी गिरावट दर्ज की जा रही है। ज्यादातर क्षेत्रों में अधिकतम तापमान सामान्य से तीन से छह डिग्री सेल्सियस कम बना हुआ है। पहाड़ों में ठिठुरन बढ़ गई है। चारधाम में भी कंपकंपी छूट रही है।


...

सामने आई बाबा बर्फानी की पहली तस्वीर, 3 जुलाई से शुरू होगी अमरनाथ यात्रा

 अमरनाथ यात्रा के शुरू होने में अभी दो महीने का समय बाकी है, लेकिन इससे पहले अमरनाथ के शिवलिंग की पहली तस्वीर सामने आई है. पंजाब के रहने वाले भक्त कुछ दिन पहले गुफा के दर्शन के लिए गए थे. हालांकि आधिकारिक तौर अभी तक कोई भी श्राइन बोर्ड का अधिकारी या सुरक्षाकर्मी तक गुफा नहीं पहुंच सके हैं.

इस साल की अमरनाथ यात्रा के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं और यात्रा के रास्ते पर बर्फ को साफ करने का काम शुरू किया गया है. बर्फ को काट कर ट्रैक को यात्रियों के चलने लायक बनाने का काम दोनों रास्तों - बालतल और चंदनवाड़ी से काम शुरू किया गया है ताकि शुरू होने वाली यात्रा से पहले ट्रैक बनाने का काम पूरा किया जा सके. पर पूरे रस्ते पर भारी बर्फबारी के चलते इस काम में काफी मुश्किलों का सामना है.

एलजी मनोज सिन्हा ने की समीक्षा

जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार (5 मई) को ही श्रीनगर के पंथा चौक में अमरनाथ यात्रा ट्रांजिट कैंप पर जाकर यात्रा के लिए होने वाली तैयारियों की समीक्षा की. पहलगाम हमले के बाद भी अमरनाथ यात्रा के लिए भक्तों के उत्साह में कोई भी फर्क नहीं आया है. अभी तक मिली जानकारी के अनुसार 3 लाख 60 हजार से ज्यादा लोग अभ तक यात्रा के लिए पंजीकरण करा चुके है और इस में और ज्यादा बढ़ोतरी होने की भी उम्मीद है.

3 जुलाई से शुरू होगी अमरनाथ यात्रा

ट्रैक पर इस बार पिछले सालो के मुकाबले कई गुना ज्यादा बर्फ बारी हुई है और अभी भी पूरे रस्ते पर दस से बीस फीट बर्फ मौजूद है. इसका सबूत इन तस्वीरों में भी साफ देखा जा सकता है. यह तस्वीरें पंजतरणी और शेषनाग में ली गई है. इस साल की अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू हो रही है और 19 अगस्त को रक्षाबंधन दिन समाप्त होगी.


...

गोवा के शिरगांव में लैराई यात्रा में भगदड़

गोवा के शिरगांव में श्री लैराई जात्रा (यात्रा) के दौरान शुक्रवार रात मची भगदड़ में 7 लोगों की मौत हो गई। जानकारी शनिवार सुबह आई है। हादसे में 50 से ज्यादा लाेग घायल हैं, जिनमें 20 गंभीर हैं। राहत-बचाव कार्य जारी है। मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।

शुक्रवार शाम को बड़ी संख्या में श्रद्धालु जात्रा में शामिल होने मंदिर की ओर जा रहे थे। इसी दौरान एक दुकान के सामने बिजली के तार से करंट लगने के बाद कुछ लोग गिर गए। तभी अफरा-तफरी हुई और भगदड़ मच गई। क्राउड मैनेजमेंट के पर्याप्त इंतजाम नहीं होने की वजह से हादसा हुआ। मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं।

श्री लैराई जात्रा नॉर्थ गोवा के बिचोलिम तालुका के शिरगांव गांव में आयोजित होने वाला हिंदू धार्मिक उत्सव है। जात्रा हर साल अप्रैल या मई में होती है। इसमें गोवा, महाराष्ट्र, और कर्नाटक से हजारों श्रद्धालु आते हैं। जात्रा 2 मई की शाम से 3 मई की सुबह तक आयोजित की गई थी। इसी दौरान हादसा हुआ।

40 हजार श्रद्धालु यात्रा में शामिल होने पहुंचे थे

गोवा पुलिस के मुताबिक- महाराष्ट्र, कर्नाटक सहित कई राज्यों के 30 से 40 हजार लोग यात्रा में शामिल होने पहुंचे थे। शुक्रवार शाम भीड़ मंदिर की ओर जा रही थी, तभी एक ढलान पर कुछ लोग गिर पड़े। इसके बाद पीछे से आ रहे लोग भी एक-दूसरे पर गिरते चले गए। 40 से 50 लोग इस दौरान नीचे गिर गए। इसके बाद अफरा-तफरी होने से भगदड़ मच गई।

यात्रा के लिए एक हजार पुलिसकर्मियों की ही तैनाती हुई थी। वहीं, भीड़ की एक्टिविटी को ड्रोन की मदद से ट्रैक किया जा रहा था।

PM मोदी ने हादसे को लेकर CM सावंत से बात की

CM प्रमोद सावंत ने 'X' पर लिखा- शिरगांव के लैराई जात्रा में हुई भगदड़ से दुखी हूं। मैंने नॉर्थ गोवा डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल पहुंचकर घायलों का हाल जाना। लगातार स्थिति की निगरानी कर रहा हूं और प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता दी जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी फोन कर स्थिति की जानकारी ली और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।

सावंत ने कहा- गोवा में पहली बार ऐसा मामला सामने आया है। मैं मौके पर पहुंचा हूं और घायलों से अलग-अलग अस्पतालों में जाकर मिला हूं।

भगदड़ पर PM मोदी सहित अन्य नेताओं के बयान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी- गोवा के शिरगांव में भगदड़ के कारण हुई मौतों से दुखी हूं। अपने प्रियजन को खोने वालों के प्रति संवेदना। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। स्थानीय प्रशासन प्रभावित लोगों की सहायता कर रहा है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी- गोवा के शिरगांव स्थित लैराई देवी मंदिर में वार्षिक यात्रा के समय भगदड़ में कई श्रद्धालुओं की मौत और घायल होने का समाचार बहुत दुखद है। सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की आशा करता हूं।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू- गोवा के शिरगांव में हुई भगदड़ की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बारे में जानकर दुख हुआ, जिसमें कई लोगों की जान चली गई। मैं परिवार के सदस्यों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करती हूं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।


...

बंगाल सरकार के बनाए नए मंदिर के नाम पर विवाद

पश्चिम बंगाल के दीघा में बने जगन्नाथ मंदिर के नाम को लेकर ओडिशा में विरोध शुरू हो गया है। पुरी जगन्नाथ मंदिर के पंडितों, सेवकों, विद्वानों, कलाकारों और शोधकर्ता मंदिर का नाम 'जगन्नाथ धाम' रखने पर आपत्ति जता रहे हैं।

दरअसल, पश्विम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 30 अप्रैल को पूर्वी मेदिनीपुर जिले के दीघा में बने जगन्नाथ मंदिर का उद्घाटन किया था। पूजा-अर्चना के बाद उन्होंने मंदिर को 'जगन्नाथ धाम' नाम दिया।

ओडिशा के लोगों ने मंदिर बनाने का समर्थन किया, लेकिन नाम पर एतराज जताया। उनका कहना है कि जगन्नाथ धाम सिर्फ पुरी में है, अन्य मंदिर को यह नाम देना हिन्दू मान्यताओं-परंपराओं के खिलाफ है।

सैंड आर्टिस्ट पद्म श्री सुदर्शन पटनायक ने ओडिशा के CM मोहन चरण माझी को चिट्‌ठी लिखकर पश्चिम बंगाल सरकार से बात करने का आग्रह किया है। उन्होंने ममता बनर्जी से भी माफी मांगने को कहा है।

पटनायक ने दो मांग रखीं...

दीघा मंदिर के उद्घाटन में भाग लेने वाले पुरी मंदिर के कुछ सेवकों ने दावा किया है कि भगवान जगन्नाथ की पत्थर की मूर्ति में ब्रह्मा को स्थापित किया गया है।

पटनायक ने ओडिशा के कानून मंत्री को चिट्‌ठी शेयर की है। उन्होंने 'ब्रह्मा' शब्द और 'जगन्नाथ धाम' नाम के उपयोग को स्पष्ट करने की मांग की है।

सनातन धर्म के खिलाफ साजिश

सुदर्शन पटनायक: मैं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री से अनुरोध करता हूं कि वह दीघा स्थित मंदिर को धाम के रूप में पेश करने के लिए भगवान जगन्नाथ के लाखों भक्तों से माफी मांगें।

श्री जगन्नाथ मंदिर प्रबंध समिति के पूर्व सदस्य माधब महापात्र: ममता बनर्जी झूठा दावा करने से बचें। यह जगन्नाथ धाम और सनातन धर्म के खिलाफ साजिश का हिस्सा प्रतीत होता है।

वरिष्ठ सेवक रामचंद्र दास महापात्र: आदि शंकराचार्य ने भगवान जगन्नाथ के पुरी पीठ को धाम का दर्जा दिया था। दीघा धाम कैसे बन सकता है? कृपया लोगों को गुमराह न करें।

श्री जगन्नाथ सेना के संयोजक प्रियदर्शन पटनायक: ममता बनर्जी बंगाल के लोगों को गुमराह न करें। बंगाल के लोग सच्चाई से वाकिफ हैं। उन्हें गुमराह नहीं किया जा सकता।

...

केदारनाथ धाम के खुले कपाट ,भक्तों ने मंदिर के किए दर्शन

केदारनाथ धाम के कपाट शुक्रवार को खोल दिए गए। कपाट खुलते ही भक्तों ने मंदिर के अंदर जलती अखंड ज्योति के दर्शन किए। इसके बाद रुद्राभिषेक, शिवाष्टक, शिव तांडव स्तोत्र और केदाराष्टक के मंत्रों का जाप किया गया।

मंदिर में सबसे पहले कर्नाटक के वीरशैव लिंगायत समुदाय के मुख्य रावल भीमशंकर पहुंचे। इसके बाद बाबा पर 6 महीने पहले चढ़ाया गया भीष्म शृंगार हटाया गया। आप केदारनाथ धाम के लाइव दर्शन कर सकते हैं।

मंदिर को 54 किस्म के 108 क्विंटल फूलों से सजाया गया है। इसमें नेपाल, थाईलैंड और श्रीलंका जैसे विभिन्न देशों से लाए गए गुलाब और गेंदा के फूल शामिल हैं।

पहले दिन करीब 10 हजार लोग दर्शन के लिए पहुंचे। भीड़ मैनेज करने के लिए टोकन सिस्टम से दर्शन करवाए जा रहे हैं। भक्त अब अगले 6 महीने तक दर्शन कर सकेंगे।

जून से अगस्त के बीच मौसम ठीक रहा तो इस बार 25 लाख से ज्यादा लोगों के केदारनाथ धाम पहुंचने का अनुमान है।

30 अप्रैल (अक्षय तृतीया) से चारधाम यात्रा शुरू हो चुकी है। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुल गए हैं। बद्रीनाथ धाम के कपाट 4 मई को खोले जाएंगे।

क्या है बाबा का भीष्म शृंगार, जिसे करने में 5 घंटे लगते हैं

पट खुलने के बाद भीष्म शृंगार हटाया जाएगा। यह प्रक्रिया भी दिलचस्प है। सबसे पहले शिवलिंग के पास रखे गए मौसमी फल और ड्राई फ्रूट्स का ढेर हटाते हैं। इसे आर्घा कहते हैं।

फिर बाबा पर चढ़ी एक से लेकर 12 मुखी रुद्राक्ष की मालाएं निकालते हैं। इसके बाद शिवलिंग पर चारों ओर लपेटा गया सफेद कॉटन का कपड़ा हटाया जाता है।

पट बंद करते समय शिवलिंग पर 6 लीटर पिघले हुए शुद्ध घी का लेपन करते हैं, जो इस वक्त जमा होता है, इसे धीरे-धीरे शिवलिंग से निकालते हैं।

इसके बाद होता है शिवलिंग का गंगा स्नान। गोमूत्र, दूध, शहद और पंचामृत स्नान के बाद बाबा केदार को नए फूलों, भस्म लेप और चंदन का तिलक लगाकर तैयार किया जाएगा।

कपाट बंद करते समय भीष्म शृंगार में करीब 5 घंटे लग जाते हैं, लेकिन कपाट खोलने के बाद इसे आधे घंटे में हटा दिया जाता है।


...

बेगूसराय से अमरनाथ यात्रा जाने वाले यात्रियों के लिए खुशखबरी, जिले में बनवा सकेंगे फिटनेस सर्टिफिकेट

कई सालों बाद ही सही फिर से बेगूसराय में अमरनाथ यात्रा का मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट बनाने की अनुमति मिल गई है। इसके लिए सौरभ कुमार सिप्पी ने सांसद गिरिराज सिंह का आभार व्यक्त किया है।

सर्टिफिकेट की अनिवार्यता

कुमार सिप्पी ने बताया कि बेगूसराय में मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट बनाने से तय समय पर अमरनाथ जाना आसान होगा और बाबा के पूर्ण रूप का दर्शन होगा। बताते चलें कि मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट के बिना कोई अमरनाथ यात्रा पर नहीं जा सकता है।

बाबा बर्फानी करीब एक सप्ताह, दस दिन के बाद में ही अंतर ध्यान होने लगते हैं। जिससे बाबा बर्फानी के दर्शन करने वाले श्रद्धालु को सिर्फ गुफा दर्शन हो पता है।

इसलिए पहले सप्ताह में बाबा के दर्शन करने के लिए श्रद्धालु अधिक संख्या में जाते हैं। अब बेगूसराय में मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट बनने से श्रद्धालु परेशानी से बचेंगे और तय दिन में अपना दर्शन कर सकेंगे।

यात्रियों में खुशी

यात्रा में जाने वाले पल्लव कुमार, निगम कुमार, मनीष भारद्वाज, प्रशांत कुमार, जयमंगला वाहिनी के सौरभ कुमार आदि ने बताया कि पूर्व में अमरनाथ यात्रा के लिए जारी मेडिकल जांच हेतु बिहार के कुछ ही जिलों के अस्पतालों में कुछ डॉक्टरों के सर्टिफिकेट को मान्यता प्रदान की गई थी।

इसमें बेगूसराय के किसी अस्पताल को शामिल नहीं किया गया था। इसको लेकर यात्रा पर जाने वालों के द्वारा लगातार इंटरनेट मीडिया सहित अन्य माध्यमों से इस मुद्दे को उठाया जा रहा था।

केंद्रीय मंत्री की पहल

इसकी जानकारी मिलने पर केंद्रीय मंत्री ने पहल की, जिसके बाद जिला के बेगूसराय सदर अस्पताल के डॉ. राजू कुमार और डॉ. दिवाकर गुंजन को प्रमाणपत्र निर्गत करने का अधिकार दिया गया है।


...